बाहर से मजदूरों को लाना चुनौती
साहिबगंज जिले में बाहर से 20 हजार मजदूरों को वापस लाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। र
साहिबगंज: जिले में बाहर से 20 हजार मजदूरों को वापस लाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। रोजाना प्रशासन की ओर से बसों से मजदूरों को लाया जा रहा है। परंतु मजदूर पैदल भी चलकर आ रहे हैं ऐसे में कुछ ऐसे मजदूर भी गांव में प्रवेश कर जाते हैं। इसकी पहचान तत्काल नहीं हो पाती है। वे किस राज्य के किस जिले से आए हैं। जिले के मजदूर जो अबतक बाहर से आ चुके हैं ऐसे मजदूरों की संख्या 7180 है। जबकि प्रशासन के पास कुल 19214 ऐसे लोगों की सूची है। इसके माध्यम से मजदूरों को लाना है। मजदूरों का निबंधन राज्य के स्तर से करने के बाद जिला को आने की सूचना दी जाती है। ऐसे में इससे ज्यादा मजदूर भी जिले में आ सकते हैं। जिला के कंट्रोल रुम व कोषांग से मिली जानकारी के अनुसार बाहर के मजदूरों को लाना इसलिए भी चुनौती है कि पूरी सूची बढ़ रही है। जिले के प्रवासी मजदूरों में केरल, मुंबई, दिल्ली एवं तेलंगाना के मजदूर ज्यादा हैं। इसके अलावा कर्नाटक, पंजाब, पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश से भी काफी संख्या में मजदूर आ रहे हैं।
इन शहरों से जिले में आ रहे मजदूर
साहिबगंज जिले में केरल, मुंबई, दिल्ली एवं तेलंगाना के मजदूर ज्यादा हैं। इसके अलावा कर्नाटक,पंजाब, पश्चिम बंगाल एवं उत्तर प्रदेश से भी काफी संख्या में मजदूर आ रहे हैं। तिरुअनंतपुरम, मुंबई, नासिक, अहमदनगर, पूणे, नागपुर, जंबूर, रायगढ़, गुडगांव, बालसर, अनंतपुर, क्योंझर, गंजाम, जाजपुर, मयूरभंज, सुंदरगढ़, सहारनपुर, कानपुर, गाजियाबाद, हापड़, कालीकट, चैन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, बीरभूम, बर्द्धमान, बेगलूरु, रिशीकेश, हरिद्वार सहित अन्य महानगरों से मजदूर काफी संख्या में साहिबगंज आ रहे हैं। कुछ मजदूरों को सरकारी स्तर पर वाहनों से लाकर स्वास्थ्य जांच कर होम क्वारंटाइन किया जा रहा है। जबकि कुछ खुद का वाहन कर जिले में पहुंच रहे हैं। ऐसे मजदूरों की पहचान कर स्वास्थ्य जांच कर होम क्वारंटाइन किया जाता है। कुछ संदिग्ध होने पर जिले के सरकारी क्वारंटाइन में भी रखे जा रहे हैं।
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जिले में बाहर से कितने मजदूर आ रहे हैं। इसका सही व पूरा आंकड़ा अबतक नहीं बन सका है। काम चल रहा र्है। परंतु अबतक 19,214 की सूची बनी है। जिसके आधार पर मजदूर आ रहे हैं। मजदूरों के सरकारी माध्यम से आने की सूची राज्य स्तर से प्राप्त होती है। परंतु कुछ मजदूर खुद भी आ जा रहे हैं। जिनकों को क्वारंटाइन किया जा रहा है।
चंद्रशेखर प्रसाद, आइटीडीए निदेशक, साहिबगंज