बीएसके कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रघुनंदन राम का निधन
बीएसके कॉलेज बरहड़वा के प्राचार्य डा. रघुनंदन राम(62) का रविवार को आकस्मिक निधन होगा गया। इस संबंध में परिजनों ने बताया कि शनिवार को साहिबगंज मे स्थित उनके आवास पर अचानक तबीयत खराब हो गयी। जिसमें उन्हें 30-35 दस्त हो गया। ज्यादा दस्त होने से उनका प्रेसर लो हो गया और तबीयत काफी बिगड़ गयी। परिजनों ने रविवार के सुबह उन्हें ईलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत्य घोषित किया। बताया जाता हैं कि तकरीबन 9 बजे हार्ट अटैक
जाटी, पतना/बरहड़वा(साहिबगंज) : बीएसके कॉलेज बरहड़वा के प्राचार्य डॉ. रघुनंदन राम (62) का रविवार की अलसुबह निधन होगा गया। वे इन दिनों साहिबगंज स्थित आवास में रहते थे। परिजनों ने बताया कि शनिवार की रात अचानक तबीयत खराब हो गयी। उन्हें 30-35 दस्त हुआ। ज्यादा दस्त होने से उनका ब्लड प्रेशर लो हो गया और तबीयत काफी बिगड़ गयी। परिजन रविवार के सुबह उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित किया। वे सिदो कान्हू मुर्मू विवि दुमका में प्रोक्टर, रजिस्ट्रार, डीएसडब्ल्यू, लीगल एडवाइजर आदि पदों पर कार्य कर चुके हैं। वे विगत तीन वर्षों से आरएसएस के जिला संघ चालक के पद पर भी थे। 1984 में उन्होंने साहिबगंज महाविद्यालय में अंग्रेजी के व्याख्याता के रूप में योगदान किया था। राजनीतिक जीवन की शुरूआत शिवसेना से की थी। 1994 के रेल आंदोलन में वे काफी दिनों तक जेल में भी रहे। करीब एक साल पूर्व बीएसके कॉलेज बरहड़वा में प्रभारी प्राचार्य बनाए थे। बाद में कमीशन से उनको प्राचार्य बना दिया गया। उनके परिवार में पत्नी के अलावे तीन पुत्री और एक पुत्र है। पुत्र मुंबई में टाटा कंपनी में जाब करता है। दो पुत्री दिल्ली में जाब करती है जबकि एक पुत्री बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही है। वे मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले के अभयपुर गांव के रहने वाले थे। उनके निधन पर बीएसके कालेज के प्रो चंदन बोहरा, एसके सिंह आदि ने दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि उनकी मृत्यु शिक्षा जगत मे एक अपूरणीय क्षति है। बीएसके कालेज में पदस्थापित होने के उपरांत महाविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था के साथ साथ पठन-पाठन का माहौल में परिवर्तन हुआ। इससे कालेज को एक नई दिशा मिली थी। बीएसके कॉलेज बरहड़वा के प्रोफेसर इंदू भूषण ने बताया कि प्राचार्य डॉ रघुनंदन राम ने अपने जीवन काल में चार पुस्तकें लिखी थी जिनमें एक पुस्तक दिल से निकले शब्द काफी चर्चित रही। इन्होंने जताया शोक : उनके निधन पर प्रो. पारसनाथ राय, प्रो. महेंद्र प्रसाद सिंह, वार्ड नंबर 22 की पार्षद सीमा देवी, मनोज तांती, श्याम सुंदर पोद्यार, सुरेंद्र यादव, मुरलीधर तिवारी, प्रो. सुरेंद्र नाथ, अरुण सिन्हा, बैकुंठ बिहारी भगत, अमन राय, प्रोफेसर राजकिशोर सिंह, इंदूभूषण चन्दन बोहरा, अल्फेट किस्कू, झामुमो सांसद विजय हांसदा सांसद प्रतिनिधि अब्दुल कादिर, संजय गोस्वामी, महेश साह, राजू यादव, कृष्ण मोहन पंडित, इसलाम शेख, वसीम अकमल, लंबोदर पंडित, नजरूल अंसारी, असराफिल अंसारी, अख्तर आलम, कांग्रेस पार्टी के विधायक प्रतिनिधि बरकत खान, अशोक कुमार दास, मिठुन मंडल, शकील अहमद, अश्वनी आनंद, दिलदार शेख, मोहम्मद सफातुला, मोहम्मद हेजाज, गफुर आलम, भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष राजिब मंडल, सुनील टुडू, निर्मला सोरेन, शीला टुडू, विभीषण पंडित, राज कुमार, जोतिन रजक, अजित साह, संजय कुमार, कुणाल मंडल, कुशमाकर तिवारी, छोटे लाल साह आदि ने शोक जताया है।