सुतियारपाड़ा के तीन युवक को बनाया बंधक
संवाद सहयोगी तीनपहाड़ (साहिबगंज) अपने गांव के एक युवक की पिटाई से नाराज तीनपहाड़ थान
संवाद सहयोगी, तीनपहाड़ (साहिबगंज) : अपने गांव के एक युवक की पिटाई से नाराज तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के बिदिन गांव के आदिवासियों ने मंगलवार की सुबह सुतियारपाड़ा गांव के तीन लोगों को बंधक बना लिया। जानकारी मिलने के बाद एसडीओ कर्ण सत्यार्थी व एसडीपीओ अरविद कुमार सिंह के नेतृत्व में तालझारी, राधानगर, राजमहल व तीनपहाड़ थाना की पुलिस के अलावा जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल को वहां भेजा गया। काफी मशक्कत के बाद अधिकारियों ने तीनों युवकों को मुक्त कराया। बंधक बनाए गए सभी युवकों से बांड भरवाया गया। पांच लाख रुपये जुर्माना की भी बात सामने आ रही है, हालांकि अधिकारियों ने इससे इन्कार किया है।
जानकारी के अनुसार सुतियारपाड़ा, बिदिन व आसपास के कई गांव के युवा पुलिस बहाली के मद्देनजर प्रत्येक दिन सुबह-शाम मोहनपुर-लालबन पीडब्ल्यूडी सड़क पर दौड़ लगाने जाते हैं। मंगलवार की सुबह सुतियारपाड़ा के कुछ युवक सड़क किनारे शौच कर रहे थे।
बिदिन गांव के बासित हेम्ब्रम (22) ने उन्हें सड़क किनारे शौच करने से मना किया। इससे विवाद बढ़ गया। सुतियारपाड़ा के युवकों ने बासित हेम्ब्रम की बुरी तरह पिटाई कर दी। उसका पांच दांत टूट गया। वह बुरी तरह घायल हो गया। यह जानकारी बिदिन गांव के लोगों को मिली तो वे लाठी-डंडे के साथ पहुंचे और सुतियारपाड़ा गांव के रामविलास यादव, मेघनाथ यादव और गणेश यादव को पकड़ लिया। गांव के लाकर उन्हें एक पेड़ से बांध दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही तीनपहाड़ थाना प्रभारी परशुराम पासवान घटनास्थल पर पहुंचे और घायल बासित हेम्ब्रम को इलाज के लिए साहिबगंज भेजा। बंधकों को मुक्त कराने के लिए गांव वालों से बातचीत की। गांववालों ने आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार जुर्माना की मांग रखी। बात बिगड़ते देख कर थाना प्रभारी ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी।
इसके बाद करीब दस बजे राजमहल एसडीओ कर्ण सत्यार्थी, डीएसपी अरविद कुमार सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर रामसागर तिवारी, तालझारी बीडीओ सायमन मरांडी, राजमहल थाना प्रभारी चिरंजीत प्रसाद आदि पहुंचे। आदिवासियों को समझाने-बुझाने का प्रयास शुरू हुआ। इस बीच साहिबगंज एसडीपीओ अनुरंजन किस्पोट्टा भी पहुंचे और ग्रामीणों को समझाया-बुझाया लेकिन वे नहीं मानें। शाम छह बजे इलाज का खर्च नकद देने व जुर्माना की राशि बाद में देने का बांड बंधक बनाए गए युवकों ने भरा जिसके बाद सभी को मुक्त किया गया।