बिजली विभाग के कथित सुपरवाइजर को घूस लेते एसीबी ने दबोचा
विद्युत आपूर्ति अनुमंडल बरहड़वा के कथित सुपरवाइजर जितेंद्र कुमार सिंह को मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो दुमका की टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम उसे अपने साथ दुमका ले गई है जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि बरहेट प्रखंड क्षेत्र के मनोज कुमार दां कुटीर उद्योग चलाते हैं। फैक्ट्री में सर्फ आदि बनाया जाता है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : विद्युत आपूर्ति अनुमंडल बरहड़वा के कथित सुपरवाइजर जितेंद्र कुमार सिंह को मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो दुमका की टीम ने घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। टीम उसे अपने साथ दुमका ले गई है जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि बरहेट प्रखंड क्षेत्र के पंचकठिया बाजार निवासी मनोज कुमार दां ने कुटीर उद्योग योजना के तहत कनेक्शन लिया था। कनेक्शन लेने के लिए 21240 रुपया चार अप्रैल 2019 को जमा कर दिया। बरहड़वा के बिजली विभाग के जेई ने 13 मई को शाम चार बजे इनका बिजली मीटर हटा दिया। इसके बाद उसी दिन शाम को पांच बजे जितेंद्र कुमार ने फोन करके मीटर लगाने के लिए 40 हजार रुपये की मांग की। रुपये नहीं देने पर कनेक्शन काट देने की धमकी दी तथा एक लाख 60 हजार रुपया जुर्माना लगाने की बात कही। इसके बाद 20 हजार रुपये में मामले को रफा-दफा करने की बात तय हुई। मंगलवार को पांच हजार रुपये देने पर सहमति बनी। पैसे देने के लिए जितेंद्र ने मनोज को बरहड़वा रेलवे स्टेशन पर बुलाया।
इधर, मनोज ने इसकी सूचना एंटी करप्शन ब्यूरो दुमका को दी। एंटी करप्शन ब्यूरो दुमका के डीएसपी सिरिल मरांडी ने मंगलवार को बरहड़वा रेलवे स्टेशन पर जाल बिछाया। जैसे ही मनोज ने पांच हजार रुपया जितेंद्र कुमार सिंह को दिया, टीम ने उसे दबोच लिया। टीम उसे अपने साथ ले गई है। बताया जाता है कि जितेंद्र कुमार सिंह कोटालपोखर थाना क्षेत्र के कोटालपोखर गांव का रहनेवाला है। वह पूर्व में बरहड़वा प्रखंड भाजयुमो का अध्यक्ष रह चुका है।
उधर, बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार झा ने बताया कि वह विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिग कंपनी में ऊर्जा मित्र के पद पर कार्यरत था, लेकिन उसके खिलाफ लगातार मिल रही शिकायत के मद्देनजर आउटसोर्सिंग कंपनी से शिकायत की गई थी। इसके बाद करीब दो माह पूर्व ही उसे हटा दिया गया था। उन्होंने बताया कि जितेंद्र कुमार सिंह से विभाग का कोई संबंध नहीं है। जानकारों की मानें तो जितेंद्र कुमार सिंह ने दो नंबर के धंधे की बदौलत काफी कम समय में अच्छी पूंजी बना ली है। अगर उससे ठीक से पूछताछ हो तो कई अन्य लोगों के नाम सामने आएंगे।