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अखड़ा में मांदर की थाप से यूथ फेस्ट का आगाज, डास थिएटर व फाइन आर्ट की रही धूम

पहली बार गोस्सनर कॉलेज की मेजबानी में राची यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित अखड़ा का उद्घाटन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 03:04 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 03:04 AM (IST)
अखड़ा में मांदर की थाप से यूथ फेस्ट का आगाज, डास थिएटर व फाइन आर्ट की रही धूम
अखड़ा में मांदर की थाप से यूथ फेस्ट का आगाज, डास थिएटर व फाइन आर्ट की रही धूम

जागरण संवाददाता, रांची : पहली बार गोस्सनर कॉलेज की मेजबानी में राची यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटर कॉलेज युवा महोत्सव 'अखड़ा' का उद्घाटन गुरुवार को किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गोस्सनर महाविद्यालय के वर्सर डॉ. रॉयल डाग ने मादर बजाकर किया। मांदर की थाप में नौ महाविद्यालय के विद्यार्थी व उनके टीम मैनेजर द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया। गोस्सनर कॉलेज आदिवासी बालिका छात्रावास की छात्राओं ने स्वागत गान की सुंदर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पाडेय ने अपने वक्तव्य में गोस्सनर कॉलेज की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी अवसरों में गोस्सनर कॉलेज का सहयोग मिलता रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में कार्यक्रम का आयोजन किया है, कारण इस्ट जोन गुवाहाटी में आयोजित महोत्सव में रांची विश्वविद्यालय के छात्रों का चयन कर भेजना है। विश्वविद्यालय में तकनीकी व शिक्षकों की कमी है, इसके बावजूद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे है। आवश्यकता है उन्हें तरासा जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही विश्वविद्यालय इस कमी को पूरा करने का प्रयास करेगा। प्रति कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने कहा कि इस तरह के आयोजन से युवाओं का काफी उत्साह बढ़ता है। अपनी प्रतिभाओं को सहीं प्लेटफार्म में निखारने का अवसर मिलता है। कभी भी विद्यार्थी अपने प्रतिभा को व्यर्थ न जाने दें।

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संबोधन के बाद गोस्सनर कॉलेज की राजनीति विज्ञान की छात्रा श्रद्धा श्रेया ने मनमोहन स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर युवा महोत्सव में प्रतियोगिताओं की शुरूआत की। कार्यक्रम का क्रमवार परिचय डॉ ईवा माग्र्रेट हासदा ने दिया। वहीं मंच संचालन डॉ विनय जे जॉन व प्रो. महिमा गोल्डेन बिलुंग ने किया। ------

इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने लिया हिस्सा

युवा महोत्सव में रांची विश्वविद्यालय की ओर से प्रतियोगिताओं को लेकर कई सेगमेंट रखे गए थे। डास इवेंट, थिएटर इवेंट, फाइन आर्ट इवेंट, कोलाज, ऑन द स्पॉट पेंटिंग, कार्टून मेकिंग, रंगोली, लिटरेरी इवेंट, म्यूजिकल इवेंट में लाइट वोकल इंडियन, वेस्टर्न वोकल सोलो जैसे कई प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। सभी ने डांस से लेकर नाटक, म्युजिक सभी में अपनी शानदार प्रस्तुति दी। नाटकीय रूप में विद्यार्थियों ने दिल्ली की निर्भया कांड को दिखाते हुए, उसी के हाथों उसे सजा दिलवाया। इस प्रस्तुति से लकड़ियों के सम्मान को लेकर काफी महत्वपूर्ण जानकारी लोगों को दी गई। विभिन्न गानों में डांस के साथ धमाल ने भी लोगों ने खूब इंजॉय किया।

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ये रहे उपस्थित : कार्यक्रम में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. पीके वर्मा, डीन मानविकी डॉ. शुभा रोहतगी, राची विवि के सास्कृतिक कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कमल कुमार बोस, सचिव गोस्सनर कॉलेज डॉ. प्रेमानंद सोरेंग, गोस्सनर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सिद्धार्थ एक्का, प्रो इंचार्ज डॉ ईआर टुडू सहित सभी महाविद्यालय के शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे। ----------

फेस्ट में 42 में सिर्फ 16 कॉलेजों के विद्यार्थी हुए शामिल

रांची विश्वविद्यालय इंटर कॉलेज यूथ फेस्ट में विश्वविद्यालय अंतर्गत कुल 42 कॉलेजों को आमंत्रित किया गया था। जिसमें से सिर्फ 16 कॉलेजों की सहभागिता रही। शामिल होने वाले कॉलेजों में गोस्सनर कॉलेज राची, मारवाड़ी कॉलेज राची, जेएन कॉलेज धुर्वा, डोरंडा कॉलेज राची, संत पॉल कॉलेज राची, बेथेसदा कॉलेज राची, राची विमेंस कॉलेज, छोटानागपुर लॉ कॉलेज राची, पीजी डिपार्टमेंट राची यूनिवर्सिटी, योगदा सत्संग कॉलेज धुर्वा, संत जेवियर कॉलेज सिमडेगा, फाइन एंड आ‌र्ट्स डिपार्टमेंट राची यूनिवर्सिटी, आरएलएसवाई कॉलेज राची, एसएसएम कॉलेज राची, निर्मला कॉलेज राची, बिरसा कॉलेज खूंटी है। इन कॉलेजों से 260 प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। --------

मेजबानी की व्यवस्था में फेल रहा प्रबंधन

गोस्सनर कॉलेज को इस साल पहली बार यूथ फेस्टिवल की मेजबानी का मौका दिया गया था। गोस्सनर को इसके लिए रांची विवि की ओर से लगभग 4.25 लाख की राशि दी गई थी। जबकि खर्च की ओर देखे तो थोड़ा बहुत काम कॉलेज के स्टेज व डेकोरेशन में किया गया है। गोस्सनर कॉलेज में रांची विवि अंतर्गत दूसरे जिले से भी कई कॉलेजों के विद्यार्थी शामिल हुए थे। फेस्ट ऑर्गनाइजिंग कमेटी द्वारा उन विद्यार्थियों के लिए खाने तक की उचित व्यवस्था नहीं थी। प्रतिभागियों को पीने के पानी तक के लिए कैंटीन से बोतलें खरीदनी पड़ रही थी। इतने बड़े कॉलेज कैंपस में पानी के लिए अलग से एक जगह भी व्यवस्था नहीं की गई। खाने के समय में भी प्रबंधन ने स्टूडेंट्स को नास्ते के छोटे डब्बे में महज एक समोसा, कटलेट और केक थमा दिया।


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