मेडिटेशन की ओर बढ़ रहा युवाओं का झुकाव
आज की इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में हर कोई सफलता पाना चाहता है। आज से युवा मेडिटेशन की ओर ध्यान देने लगे हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : आज की इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में हर कोई सफलता पाना चाहता है। बेहद तेजी से बदलती इस दुनिया में युवा सफल होने के लिए कड़ी मेहनत के साथ ही सफलता के सारे विकल्प भी तलाश रहे हैं। अब जैसे-जैसे परीक्षा की घड़ी नजदीक आ रही है बच्चों में आस्था के साथ-साथ मेडिटेशन की तरफ झुकाव बढ़ता दिख रहा है। मेडिटेशन के सहारे बच्चे पढ़ाई के लिए एकाग्रचीत होने का अभ्यास करते हैं। बातचीत में कई बच्चों ने कहा भी कि इसका असर रोज की जिंदगी में देखने को मिलता है। जीवन में दिख रहा बदलाव
बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा अनुकीर्ति बताती हैं कि वह 2016 से मेडिटेशन कर रही हैं। इसकी मदद से अपने जीवन में बहुत बदलाव महसूस कर रही हूं। पहले पढ़ाई का तनाव बहुत ज्यादा हो जाता था। छोटी सी असफलता भी बेहद निराश करती थी, लेकिन जब से अध्यात्म की ओर उन्मुख हुई हूं तब से जीवन में सुखद बदलाव नजर आया है। मन को संयमित और शरीर को रख पाते हैं स्वस्थ्य
निखिल राज वर्तमान में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि अध्यात्म की मदद से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। इसकी मदद से वह अपने मन को संयमित, शरीर को स्वस्थ्य रख पाते हैं। पहले बहुत गुस्सा आता था, लेकिन लगातार ध्यान करने के अभ्यास से उनमें शांतचित्तता आयी है। आज के युवाओं के सपने बहुत हैं
लेखक अमरेश झा कहते हैं कि आज के युवाओं के सपने बहुत बड़े हैं। उनके अभिवावकों की उनसे उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं। ऐसी परिस्थिति में उन्हें तनाव बहुत ज्यादा होता है। इस तनाव से छुटकारा पाने की चाह ही उन्हें अध्यात्म की ओर मोड़ रही हैं। जीवन में सफलता के लिए एकाग्रता चाहिए
स्वामी माधवानंद कहते हैं कि जीवन में सफलता के लिए एकाग्रता चाहिए। ध्यान की मदद से छात्र एकाग्रता प्राप्त कर पाते हैं। अगर मन में अलग-अलग तरह के विचार तैर रहे हैं तो वह कभी भी अपने काम को पूरा नहीं कर सकता। अध्यात्म की मदद से व्यक्ति अपने विचार को नियंत्रित कर सकता है। अध्यात्म जीवन में परिपूर्णता लाता है
उज्जवल भास्कर कहते हैं कि अध्यात्म जीवन में परिपूर्णता लाता है। लोग सोचते हैं कि अध्यात्म का वास्तविक जीवन में कोई मतलब नहीं है, यह वास्तविकता से परे है, ऐसा नहीं है। अध्यात्म आपके जीवन से जुड़ी हर चीज को आसानी से उपलब्ध कराने में सहयोगी है। अशांत मन से आप कोई भी काम सही तरीके से नहीं कर सकते हैं, लेकिन अध्यात्म की मदद से आप एकाग्र होकर अपने कार्य को कुशलता से पूरा कर सकते हैं। ठीक उसी प्रकार युवा भी अपनी पढ़ाई में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों में अध्यात्म की मदद से मन को शांत रखते हुए अपनी पढ़ाई करते हैं।
------------------ कैसे बढ़े स्मरणशक्ति
स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए प्राणायाम का भी सहारा बच्चे ले रहे हैं। इसका काफी लाभ मिलता है। निम्न प्राणायामों के सहारे अपनी स्मरणशक्ति बढ़ा सकते हैं। भ्रामरी प्राणायाम
ध्यान करने के दौरान भ्रामरी प्राणायाम से दिमाग में स्थिरता आती है। इससे हमारे मन-मस्तिष्क से नकारात्मक विचार दूर होते हैं। सुबह के समय भ्रामरी करने से मस्तिष्क की कोशिकाओं में पर्याप्त ऑक्सीजन और खून का संचार होता है, जिसके कारण स्मरण शक्ति तेज होती है। पद्मासन
पद्मासन में 10 से 15 मिनट के लिए आखें बंद करके बैठकर गहरी सास ली जाती है। यह स्मरण शक्ति बढ़ाने में बहुत फायदा पहुंचाता है। योगासन
पादहस्तासन, हलासन, ताड़ासन, पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन, सर्वागासन आदि बहुत ही फायदेमंद आसन हैं। इन आसनों से तंत्रिका तंत्र उत्तेजित होती है। इन आसनों का नियमित अभ्यास मस्तिष्क में स्मृति केंद्रों के आकार, तरंग गतिविधि और साथ ही मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति व ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए नियमित रूप से योगासन करना बहुत फायदेमंद है।