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उरांव जनजातियों की परंपरा और संस्कृति का होगा लिखित दस्तावेज

झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा की ओर से आयोजित उरांव जनजाति समाज के उत्थान के लिए बैठक की गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 09:42 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 09:42 PM (IST)
उरांव जनजातियों की परंपरा और संस्कृति का होगा लिखित दस्तावेज
उरांव जनजातियों की परंपरा और संस्कृति का होगा लिखित दस्तावेज

जासं, रांची : झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति धुर्वा की ओर से आयोजित उरांव जनजाति समाज की रीति-रिवाज, परंपरा को बनाए रखने के लिए एचईसी सेक्टर 3 एएन टाइप सरना सरहुल पूजा स्थल के पास परिचर्चा का आयोजन किया गया। बैठक में झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष मेघा उरांव ने कहा कि हम अपने उरांव समाज, जनजाति समाज और धर्म की रक्षा के साथ-साथ अपने मूल परंपरा रीति रिवाज, संस्कार, संस्कृति, पूजा पद्धति को जानकारी के अभाव में भूलते जा रहे हैं। खासकर युवा पीढ़ी का ध्यान इस ओर नहीं है। उरांव जनजातियों का 12 महीनों का नेग नियम, जन्म से लेकर मृत्यु तक के कर्म, शादी विवाह का कर्म, खदी, सरहुल, फगुआ, सोहराई क्यों मनाते हैं, इसके पीछे क्या कारण है, इसकी जानकारी अधिकतर लोगों को नहीं है। इसके लिए इन सबको लिखित रूप में लाने का प्रयास होगा ताकि आने वाली पीढ़ी पुस्तक के माध्यम से भी अपनी मूल परंपरा को जान सकेंगे। इसके लिए झारखंड स्तर के उरांव विद्वानों से जानकारी प्राप्त की जाएगी। ईसाई पादरियों ने उरांव समाज के रीति रिवाज को गलत ढंग से लिखने का किया प्रयास

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मेघा उरांव ने कहा कि उरांव समाज की मूल परंपरा, नेग नियम, पर्व-त्योहार, संस्कार-संस्कृति, पूजा पद्धति को ईसाई पादरियों और उनके लेखकों द्वारा गलत ढंग से पुस्तक में लिखा जा रहा है। जिससे उरांव समाज के लोग भ्रमित हो जा रहे हैं। बैठक में जय मंत्री उरांव ने कहा कि बहुत दुख की बात है कि आज हमारे सामाजिक पहनाई जमीन को भी अपना निजी जमीन बताकर खरीद बिक्री हो रही है। कई ऐसे स्थानों पर पहान परिवार ईसाई धर्म ग्रहण करने के बाद भी पहनाई जमीन पर कब्जा किए हुए हैं जबकि हमारे उराव समाज में प्रत्येक तीन साल में पहान बदली करने की परंपरा है। उनके साथ जमीन भी बदली करने की परंपरा है। बैठक की अध्यक्षता तेजुवा पहान एवं कंचन होरो पहान ने की। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। उरांव जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच का हुआ गठन

बैठक में सर्वसम्मति से उरांव जनजाति धर्म संस्कृति रक्षा मंच झारखंड प्रदेश के नए पदाधिकारी के रूप में अध्यक्ष पद के लिए मेघा उरांव, उपाध्यक्ष जय मंत्री उरांव, राजू लकड़ा, सुशांति उरांव, रोपनी मिंज, महासचिव कर्मपाल उरांव, सचिव राजू उरांव, कार्यालय सचिव बबलू उरांव, कोषाध्यक्ष सुशीला उरांव, उप कोषाध्यक्ष सुदेश्वर उरांव, एवं कार्यकारिणी सदस्य में लुटरु उरांव, मानसा उरांव, शंकर टोप्पो, शोमरा उरांव, लोरया उरांव, सोमानी उरांव , कृष्णा उरांव एवं सदस्य सनी टोप्पो को चुना गया।


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