Move to Jagran APP

Sawan 2021: कोरोना काल में घर पर ही करें शिव आराधना, जागरण के साथ करें शिवालयों का दर्शन

Sawan 2021 Koderma News Jharkhand News कोडरमा जिले के झुमरी तिलैया में शिव मंदिर झरनाकुंड है। सावन के अंतिम सोमवार में यहां से साठ से सत्तर हजार लोग जल भरकर ध्वजाधारी धाम पहुंचते हैं और भोले बाबा पर जलाभिषेक करते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 05:45 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 06:33 PM (IST)
Sawan 2021: कोरोना काल में घर पर ही करें शिव आराधना, जागरण के साथ करें शिवालयों का दर्शन
Sawan 2021, Koderma News, Jharkhand News मंदिर का नाम : शिव मंदिर झरनाकुंड।

कोडरमा, जासं। आज 25 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। कल 26 जुलाई सोमवार को सावन मास की पहली सोमवारी है। माना जाता है कि इस माह भगवान शिव की आराधना करना शुभ होता है। चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जीवन अस्‍त व्‍यस्‍त हो गया है। लॉकडाउन में श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश करने पर रोक है। संक्रमण से बचाव के लिए सरकर ने सख्‍त निर्देश जारी किए हैं। इस समय बेहतर यह है कि आप घर पर ही भगवान शिव की पूजा करें। हां, इस दौरान दैनिक जागरण के माध्‍यम से आप घर बैठे ही अपने आस-पास के शिवालयों का दर्शन कर सकते हैं, उसके बारे में जान सकते हैं। इसी क्रम में जानें कोडरमा जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर और तिलैया शहर से तीन किलोमीटर दूर शिव मंदिर झरनाकुंड के बारे में। कोविड 19 के कारण मंदिर को बंद रखने का फैसला लिया गया है।

prime article banner

मंदिर का इतिहास

यह सौ साल से अधिक पुराना है। इंदरवा तिलैया के ग्रामीणों ने पहल कर खपरैल का मंदिर बनाया। बाद में मंदिर समिति बनी और कंक्रीट के मंदिर का निर्माण व विस्तार किया गया। समिति इसकी देखभाल और पूजा की जिम्मेदारी निभाती है।

मंदिर की विशेषता

यह मंदिर नदी, पहाड़ और जंगल के बीच प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। अक्सर श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं। लोग यहां प्राकृतिक सौंदर्य को देखने भी आते हैं। सावन के अंतिम सोमवार में यहां से साठ से सत्तर हजार लोग जल भरकर ध्वजाधारी धाम पहुंचते हैं और भोले बाबा पर जलाभिषेक करते हैं। अभी मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालु बाहर से ही पूजा करके चले जाते हैं।

'झरनाकुंड मंदिर आस्था का केंद्र है। यह प्राकृतिक सुंदरता के बीच बसा हुआ है। जिला प्रशासन को इसे पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहिए।' मनोज यदुवंशी, अध्यक्ष, झरनाकुंड विकास समिति।

'उत्तर वाहिनी नदी का प्रवाह होने से लोग पूर्वजों की आत्मा की शांति व मोक्ष के लिए यहां पहुंचते हैं। यहां आकर श्रद्धालु शिव की आराधना करते हैं।' लाल बाबा, महंत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.