World Health Day: 'गुड हेल्थ' के लक्ष्य में झारखंड 22वें पायदान पर
World Health Day. सतत विकास लक्ष्य में झारखंड की प्रगति का हाल यह है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में 39 फीसद संरचनाओं की कमी है। आम आदमी की सेहत बस भगवान भरोसे चल रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। World Health Day - संयुक्त राष्ट्र के 'सतत विकास लक्ष्य' हासिल करने की दिशा में झारखंड की अबतक की प्रगति सामान्य रही है। इसके तीसरे लक्ष्य 'अच्छा स्वास्थ्य' की बात करें तो झारखंड पिछड़े राज्यों की कतार में खड़ा है। नीति आयोग द्वारा सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए हाल ही में जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2018 में ये बातें सामने आई हैं।
इस इंडेक्स के अनुसार, झारखंड अच्छे स्वास्थ्य के लक्ष्य में सभी राज्यों में 22वें स्थान पर है। अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, नगालैंड, असम और उत्तर प्रदेश ही झारखंड से नीचे है, जबकि बिहार झारखंड के साथ खड़ा है। बाकी सभी राज्य या तो फ्रंट रनर या फिर परफार्मर रहे हैं। झारखंड का स्थान पिछड़े राज्यों में है। जानकार बताते हैं कि स्वास्थ्य में पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण यहां स्वास्थ्य क्षेत्र में संरचनाओं का अभाव है।
स्थिति यह है कि आबादी के अनुसार यहां 7,267 स्वास्थ्य केंद्रों की जरूरत है, जबकि 4,476 ही उपलब्ध हैं। इस तरह लगभग 39 फीसद स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है। झारखंड में डाक्टरों की भी भारी कमी है। यहां 20,378 आबादी पर महज एक डाक्टर उपलब्ध हैं। इस तरह, राष्ट्रीय औसत 11,897 लोगों पर एक डाक्टर से झारखंड काफी पीछे है।
स्वास्थ्य में आधारभूत संरचनाओं की कमी का हाल (आबादी के अनुसार कितना चाहिए और कितना है)
स्वास्थ्य केंद्र-जरूरत -उपलब्ध- कमी
स्वास्थ्य उपकेंद्र- 6,060 - 3,958 - 34.7 फीसद
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र - 966 - 330 - 65.8 फीसद
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र- 241-188- 22 फीसद।