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झारखंड में अगले साल से उद्योगों के लिए अनिवार्य होगी स्टार रेटिंग

झारखंड में 2020 से उद्योगों के लिए अनिवार्य होगी रेटिंग।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 05:57 AM (IST)Updated: Thu, 06 Jun 2019 06:36 AM (IST)
झारखंड में अगले साल से उद्योगों के लिए अनिवार्य होगी स्टार रेटिंग
झारखंड में अगले साल से उद्योगों के लिए अनिवार्य होगी स्टार रेटिंग

रांची, राज्य ब्यूरो। प्रदूषण के मानकों का स्तर तय करने के लिए की जाने वाली स्टार रेटिंग अब रेड श्रेणी के सभी उद्योगों के लिए अनिवार्य होगी। फिलहाल यह रेटिंग इंडस्ट्री सेक्टर के लिए ऐच्छिक है, जिसे वर्ष 2020 से अधिक प्रदूषण फैलाने वाली 17 श्रेणी के उद्योगों के लिए अनिवार्य किया जाएगा।

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विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एके रस्तोगी ने यह स्पष्ट किया। उन्होंने यह भी बताया कि टाटा स्टील और मैथन पॉवर जैसी इंडस्ट्री खुद स्टार रेटिंग के लिए आगे आई हैं।

बता दें कि झारखंड में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो उद्योगों की स्टार रेटिंग कर रही है। इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण में अमूल्य योगदान देने वाली यमुना टुडू को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सम्मानित किया गया।

बीट एयर पॉल्यूशन विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदुशेखर चतुर्वेदी ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताई। कहा, हमारे देश में बड़े शहरों में तो यह विकराल रूप धारण कर चुका है।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण का मानक तय करने के लिए बनाए गए हमारे नियम और कानून बहुत अच्छे हैं, जरूरत इनके ईमानदारी से क्रियान्वयन की है। कहा, हम सौभाग्यशाली हैं कि झारखंड में फॉरेस्ट कवर अच्छा है और वायु प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम है। लेकिन माइनिंग क्षेत्रों में यहां भी गंभीर समस्या है। इंडस्ट्री सेक्टर को वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए खुद आगे आना होगा।

प्रधान मुख्य संरक्षक संजय कुमार ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हमारी प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। एंटीबायोटिक भी अब प्रभाव नहीं दिखा पा रही है। मैं खुद इसका भुक्तभोगी हूं। प्रदूषण के कारण हेल्थ पर व्यय होने वाली लागत बढ़ी है।

कोयला, जलावन की लकड़ी इत्यादि से घरों के भीतर फैलने वाले प्रदूषण या इनसे उत्पन्न बॉयोमॉस के लिए इंडस्ट्री सेक्टर को खुद आकर काम करना चाहिए। अपनी सीएसआर गतिविधियां संचालित कर बॉयोमॉस गैसीफायर प्लांट लगाने चाहिए। उन्होंने प्रदूषण बोर्ड द्वारा शुरू किए गए स्टार रेटिंग अभियान की सराहना की।


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