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महिलाओं ने ठाना लालखटंगा गांव होगा शराबमुक्त

खरसीदाग ओपी के लालखटंगा गांव के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। महिलाओं ने सैकड़ों लीटर महुआ शराब नाले में बहा दी। वहीं पांच क्विंटल जावा शराब और हड़िया शराब को भी नष्ट किया गया। महिलाओं ने शपथ ली कि कभी शराब नहीं बनाएंगे। न ही गांव में किसी को शराब बनाने देंगे। पुरुषों को भी चेताया कि बाहर से कोई शराब पीकर न आए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 05:54 AM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 05:54 AM (IST)
महिलाओं ने ठाना लालखटंगा गांव होगा शराबमुक्त
महिलाओं ने ठाना लालखटंगा गांव होगा शराबमुक्त

तुपुदाना : खरसीदाग ओपी के लालखटंगा गांव के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। सोहराई जतरा की तैयारी के लिए रखी गई सैकड़ों लीटर महुआ शराब नष्ट कर दी गई। शराबबंदी को लेकर महिलाओं का संकल्प ऐसा कि जहां-जहां महुआ शराब बनाकर रखी गई थी उन्हें इकट्ठा कर गांव के अखाड़े में जमा किया और नाले में बहा दिया। यही नहीं पांच क्विंटल जावा महुआ और दो क्विंटल चावल का हड़िया भी फेंक दिया गया। गांव की महिलाओं ने संकल्प लिया कि गांव में हड़िया और दारू नहीं बनने देंगे। साथ ही पुरुषों को भी चेतावनी दी कि बाहर से शराब पीकर घर नहीं आना है।

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इससे पहले पुलिस प्रशासन, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की बैठक लालखटंगा सचिवालय के प्रागण में हुई जिसमें बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर और ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडूंग शामिल हुए। ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडूंग ने कहा कि गाव में जो समस्या है वह दारू-हड़िया को लेकर हुई है। इसलिए गाव में दारू-हड़िया की पूर्णबंदी हो। जुआ का खेल भी बंद हो।

आरती कुजूर ने कहा कि यदि महिला शक्ति जाग जाएगी तो गाव से शराब और जुआ खत्म हो जाएगा। बैठक में उपस्थित महिला समिति में सर्वसम्मत्ति से निर्णय लिया गया कि तुरंत गाव में बने दारू और हड़िया को नष्ट किया जाए। इसके बाद सभी ने शराबबंदी का फैसला लिया। समाज सेवी विजय नायक ने शराब-हड़िया का व्यवसाय कर रहे महिलाओं को उनके नष्ट किए गए शराब का कीमत अदा किया। साथ ही हिदायत दी कि इस पैसे से वे दूसरा व्यवसाय करें। शराब के कारोबार के बारे में कभी दोबारा नहीं सोचें।

बैठक में 31 अक्टूबर की रात पुलिस एवं ग्रामीणों के बीच हुई झड़प की घटना पर भी चर्चा हुई। इस झड़प के बाद उत्पन्न हुए गतिरोध को दुर करने के लिए बालसंरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने पहल की। इसमें सभी ग्रामीण शामिल हुए जिसमें महिलाओं की भागीदारी ज्यादा रही। बैठक में यह बात उभरकर आई की गलतफहमी में यह घटना हुई थी। आरती कुजूर ने कहा की भविष्य में ऐसी गलती नहीं हो। ग्रामीणों एवं पुलिस को भी अपने दायरे में रहना चाहिए। बैठक में लालखटंगा के मुखिया रितेश उराव, नामकुम इंस्पेक्टर सैमित्र पंकज भूषण, खरसीदाग ओपी प्रभारी रविंद्र पांडेय, बीस सूत्री के अध्यक्ष प्रमोद सिंह, अजय नायक, किरण सागा, सतीश पाल मुंजनी, सोहराई, राजेश मुंडा, जेएमएम के उपाध्यक्ष महादेव मुंडा एवं सैकड़ों लोग उपस्थित थे। बैठक में उपस्थित ग्रामीण एसपी अजीत पीटर डुंगडूंग ने आश्वासन दिया कि पुलिस प्राथमिकी में दर्ज ग्रामीणों को परेशान नहीं करेगी। ग्रामीण भी पुलिस की हरसंभव मदद करेंगे।

बताते चलें कि झड़प को लेकर 26 ग्रामीणों के खिलाफ नामजद और 50-60 अज्ञात के विरूद्ध सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने एवं पुलिस कर्मियों के ऊपर हमला करने के संबंध में नामकुम थाना में खरसीदाग ओपी प्रभारी फगुवा उराव के लिखित आवेदन पर मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद ग्रामीणें के धरपकड़ के लिए नामकुम एवं खरसीदाग की पुलिस गाव में बराबर छापामारी कर रही थी। डर से गांव के युवक फरार हो गए थे।


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