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महिला आरक्षी ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, दुर्गा पूजा पंडाल में गिरे पांच हजार रुपये लौटाए

Jharkhand News Khunti News दुर्गोत्सव के दौरान खूंटी थाना की महिला आरक्षी प्रेमलता बारला अन्य महिला आरक्षियों के लिए प्रेरणा बन गई है। दरअसल महा अष्ठमी की शाम को पूजा पंडाल परिसर में पांच हजार रुपये गिरा मिला। इसे इन्‍होंने लौटा दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 06:32 PM (IST)
महिला आरक्षी ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, दुर्गा पूजा पंडाल में गिरे पांच हजार रुपये लौटाए
Jharkhand News, Khunti News खूंटी थाना की महिला आरक्षी प्रेमलता बारला अन्य महिला आरक्षियों के लिए प्रेरणा बन गई है।

खूंटी, जासं। दुर्गोत्सव के दौरान खूंटी थाना की महिला आरक्षी प्रेमलता बारला ने ईमानदारी की मिशाल पेश की है। इसके साथ ही कर्तव्य परायणता से अपने साथियों और अन्य महिला आरक्षियों के लिए प्रेरणा बन गई है। दरअसल, खूंटी थाना की महिला आरक्षी प्रेमलता बारला की तैनाती दुर्गोत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भगत सिंह चौक, डीएवी मार्केट परिसर स्थित सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के पंडाल में की गई थी।

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महा अष्ठमी की शाम को पूजा पंडाल परिसर में ही इन्हें पांच हजार रुपये गिरा हुआ मिला। इसे इस महिला आरक्षी ने उठा कर अपने पास रख लिया। इसके कुछ ही देर बाद एक दर्शनार्थी बदहवासी की हालत में वहां पहुंचा और काफी बेचैनी से इधर-उधर कुछ ढूंढने लगा। इस बीच उन्होंने बताया कि कुछ देर पहले ही वे पूजा पंडाल में देवी प्रतिमा दर्शनार्थ आए थे और उसी दौरान उनकी पॉकेट से पांच हजार रुपये कहीं गिर गए।

उक्त परेशान व्यक्ति के कथन से ड्यूटी पर मुस्तैद आरक्षी प्रेमलता बारला समझ गईं कि‍ जो रुपये उन्हें मिले हैं, वे इसी व्यक्ति के हैं। इसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को आश्वस्‍त किया कि वे परेशान न हों, रुपये उन्हें मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने रुपये लौटा दिया। महिला आरक्षी की इस कर्तव्य परायणता और ईमानदारी की चर्चा सभी की जुबां पर होने लगी, सभी उनकी प्रशंसा करने लगे।

शांतिपूर्ण माहौल में नम आंखों से दी गई मां दुर्गा को विदाई

खूंटी के रनिया में शुक्रवार को शांतिपूर्ण माहौल में नम आंखों से मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन श्रद्धालुओं की उपस्थिति में किया गया। प्रतिमा विसर्जन रनिया से तीन किलोमीटर दूर गढसितम गांव स्थित तालाब में किया गया। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए विसर्जन के दौरान डीजे व किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र का इस्तेमाल नहीं करते हुए पूजा समिति के सदस्यों द्वारा परंपरागत ढोल बाजा का इस्तेमाल कर प्रतिमा विसर्जन किया गया।

प्रतिमा विसर्जन के दौरान शांति व्यवस्था भंग ना हो, इसे देखते हुए रनिया थाना के जवान मौके पर उपस्थित थे। वहीं जिले के मुरहू व अड़की प्रखंड क्षेत्र में भी विसर्जन के साथ शारदीय नवरात्र का समापन हो गया। विजया दशमी के बाद शनिवार को दुर्गोत्सव के लिए स्थापित देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।


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