झारखंड विधानसभा का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र 24 से
Jharkhand Assembley. राज्य कैबिनेट ने 24 दिसंबर से चार दिवसीय शीत सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर कैबिनेट की बेठक में मुहर लगाई गई।
रांची, जासं। राज्य कैबिनेट ने 24 दिसंबर से चार दिवसीय शीत सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय पर राज्यपाल की स्वीकृति के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र आहूत किया जाएगा। मंगलवार को राज्य कैबिनेट ने इसके साथ ही कुल नौ प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की। इनमें पांच प्रस्तावों को घटनोत्तर स्वीकृति मिली है।विधानसभा का 14वां सत्र (शीत सत्र) 24 दिसंबर से चार दिनों के लिए आहूत किया जा रहा है। इसमें 25 दिसंबर को छुट्टी रहेगी।
26 व 27 दिसंबर को कार्यदिवस रहेगा। प्रस्ताव के अनुसार 24 दिसंबर को राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों को पटल पर रखा जाएगा। इसके साथ वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट की विवरणी प्रस्तुत की जाएगी। इसी दिन शोक प्रस्ताव भी पेश किए जा सकते हैं। 26 दिसंबर को प्रश्नकाल, द्वितीय अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद एवं अन्य राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे। इसी प्रकार 27 दिसंबर को भी प्रश्नकाल, राजकीय कार्य एवं गैर सरकारी संकल्प प्रेषित किए जाएंगे।
कैबिनेट ने बिजली वितरण निगम लिमिटेड को सस्ती दर पर 450 करोड़ रुपये ऋण लेने के लिए राजकीय गारंटी प्रदान की है। यह राशि निगम को वर्किंग कैपिटल के तौर पर मिलेगी। कैबिनेट ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को चालू दायित्वों के भुगतान के लिए सस्ती दर पर अल्पावधि ऋण के लिए राजकीय गारंटी के साथ शर्त रखी गई है कि राशि का भुगतान निगम स्वयं के स्रोतों से करेगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने अंजनवा जलाशय योजना के डैम सुदृढ़ीकरण, मुख्य नहर की लाइनिंग और अन्य संरचनाओं की मरम्मत के लिए 67.53 करोड़ रुपये व्यय की प्रशासनिक स्वीकृति दी।
कैबिनेट के अन्य फैसले : - राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजना के तहत संचालित झारखंड स्टेट डाटा सेंटर के क्रियान्वयन और चार वर्षो तक रखरखाव के लिए अनुमानित व्यय 25.43 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई। - पलामू के हैदरनगर प्रखंड के पर्यवेक्षीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के लिए आवास निर्माण हेतु 2.54 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित प्राक्कलन को स्वीकृति प्रदान की गई।
- 64 ग्रामीण पथ परियोजनाओं के लिए नाबार्ड से 86.97 करोड़ रुपये ऋण लेने की घटनोत्तर स्वीकृति। - 9 ग्रामीण जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए नाबार्ड से 18.65 करोड़ ऋण लेने के लिए घटनोत्तर स्वीकृति। - 3 ग्रामीण जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए नाबार्ड से 18.67 करोड़ रुपये ऋण लेने की घटनोत्तर स्वीकृति। - 98 ग्रामीण पथ परियोजनाओं के लिए नाबार्ड से 16 करोड़ रुपये ऋण लेने की घटनोत्तर स्वीकृति।