Jharkhand Wine Shop Open: लॉकडाउन में जेबें खाली, कीमत भी बढ़ी, ऐसे में कौन पीये शराब
लॉकडाउन से पहले एक ही दिन में पूरे राज्य में 10 करोड़ की शराब गटक जाते थे झारखंड के लोग दुकानें खुलीं लेकिन फीकी है शराब की बिक्री प्रतिदिन बिक रही केवल 2.5 करोड़ रुपये की शराब
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में लॉकडाउन में लंबी अवधि तक बंद रहने के बाद चार दिन पहले ही शराब की दुकानें खुलीं, लेकिन ग्राहकों में शराब के प्रति उत्साह नहीं दिख रहा है। लॉकडाउन में झारखंड में चार दिनों से शराब की दुकानें खुली हैैं। शराब अभी 22 फीसद कीमत बढ़ाकर बेची जा रही है। ऑनलाइन बिक्री की भी व्यवस्था की गई है, लेकिन पूरे राज्य चार दिन में महज 11 करोड़ रुपये की शराब बिकी है। पहले की तुलना में यह आंकड़ा काफी कम है।
लॉकडाउन के पूर्व राज्य में लोग एक दिन में ही औसतन 10 करोड़ रुपये की शराब गटक जाते थे। अभी बिक्री कम होने की कई वजहें बताई जा रही हैं। एक तो लॉकडाउन में सबकी जेबें खाली हो चुकी हैं, वहीं शराब की कीमत भी बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में झारखंड में शराब के खरीदार ही नहीं मिल रहे हैं। लोग बाहर में शराब पी नहीं सकते हैं और घर ले जा नहीं सकते हैं। शराब नहीं बिकने की एक वजह यह भी बताई जा रही है।
शराब की दुकानों पर इक्का-दुक्का ग्राहकों के पहुंचने और बिक्री प्रभावित होने से व्यवसायी परेशान हैं। उनका कहना है कि शराब की खपत नहीं है और गोदाम से उठाव निर्धारित है, जिसे उठाना ही है। सरकार को तो नुकसान नहीं है, लेकिन दुकानदार टैक्स कैसे चुकाएंगे, यह समस्या उन्हें सताने लगी है।
राज्य में ऑनलाइन बिक्री की योजना भी धरातल पर नहीं उतरी। ऑनलाइन डिलिवरी कंपनी जोमैटो व स्वीगी के साथ शराब व्यवसायियों का एग्रिमेंट ही नहीं हो पाया। ऐसी स्थिति में चार दिनों के भीतर शराब की एक भी बोतल ऑनलाइन नहीं बिकी है।
क्या है शराब नहीं बिकने की मुख्य वजह
- लॉकडाउन के दौरान लोगों की जेबें खाली हो चुकी हैं। पैसे नहीं हैं कि शराब खरीदें।
- बीयर 50 फीसद राजस्व को पूरा करता था। कोरोना संक्रमण के चलते बीयर की बिक्री नहीं के बराबर है। लोग समझते हैं बीयर ठंडी होती है, जिसके चलते कोरोना वायरस तेजी से फैलेगा।
- पहले बाहर में शराब पीने की इजाजत थी, अब नहीं होने के चलते अधिकतर लोग शराब अपने घर नहीं ले जा पाते हैं।
- स्कूल-कॉलेज की छुट्टियों के चलते बच्चे घर पर ही रह रहे हैं, जिसके चलते शराब घर ले जाने से लोग परहेज कर रहे हैं।
- सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक ही शराब बेचने की इजाजत है, जबकि रात में सात बजे के बाद 70 फीसद शराब की बिक्री होती है, जो अब नहीं हो रही है।
- एक तो पैसे नहीं, उपर से शराब की कीमत का बढऩा भी शराब नहीं बिकने की है एक मुख्य वजह।
- स्वीगी व जोमैटो जैसी ऑनलाइन डिलिवरी कंपनियों के साथ दुकानदारों को अब तक एग्रिमेंट नहीं हो सका, जिसके चलते ऑनलाइन शराब भी नहीं बिक रही।
राज्य में कब कितने का हुआ कारोबार
- 20 मई : 3.50 करोड़ रुपये।
- 21 मई : 3.00 करोड़ रुपये।
- 22 मई : 2.5 करोड़ रुपये।
- 23 मई : 2.5 करोड़ रुपये।
स्रोत : झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ के अनुसार।
शराब की कीमत 22 फीसद बढ़ गई। खरीदने का समय शाम सात बजे तक ही है। दोनों ही स्थितियां शराब बिक्री के लिए अनुकूल नहीं। इसके अलावा लोगों की जेबें खाली होना भी शराब की बिक्री कम होने की मुख्य वजह है। अचिंत्य दास, अध्यक्ष, झारखंड खुदरा शराब विक्रेता संघ।