उद्योग-धंधे का विकास व भयमुक्त वातावरण के लिए करेंगे मतदान
चुनावी चर्चा में लोगों ने कहा कि इस बार वोट सुरक्षा के लिए करेंगे। जाति धर्म से ऊपर उठकर वोट करेंगे।
जागरण संवाददाता, रांची : इस बार वोट झारखंड के लिए अभियान के तहत बुधवार को दैनिक जागरण ने अग्रवाल समाज की राय जानने की कोशिश की। अग्रसेन भवन में आयोजित परिचर्चा में अग्रवाल सभा के अध्यक्ष पवन पोद्दार ने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड एक साथ अलग राज्य बना था। राज्य गठन के 19 वर्षो में जितना विकास होने चाहिए था नहीं हुआ। सरकार व्यवसायियों को अपराध मुक्त वातावरण देने में असफल साबित हुई है। अब तक स्थानीय मुद्दे के बजाय गैर जरूरी मुद्दों पर मतदान करते आये हैं। इस बार मतदान झारखंड के मुद्दे पर होगा। जात-पात, धर्म की राजनीति नहीं चलेगी। हमें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए जो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सके। सदन तक जन मानस की आवाज पहुंचाएं। सरकार का पिछलग्गु बनने के बजाय रोजगार, शिक्षा, पर्यटन, कानून व्यवस्था, इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मुद्दे पर नेतृत्वकर्ता पर दबाव डाल सके।
रतन कुमार मोर ने कहा कि इस बार मतदान राजधानी की सूरत बदलने के लिए करेंगे। कोई वाद नहीं चलेगा। पार्टी के बजाय स्थानीय प्रत्याशी के अब तक के कार्य के आधार पर मतदान होगा।
रमाशंकर बागड़िया के अनुसार चुनाव में नेता जनता को झांसा देकर वोट हासिल कर लेते हैं। फिर पांच सालों तक मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होती है। आम जनता खुद को पार्टी विशेष से अलग कर राज्य के चहुंमुखी विकास पर मतदान करें।
कौशल राजगढि़या चुनाव को मान-सम्मान से जोड़ कर देखते हैं। कहते हैं इस बार प्रत्याशी को आम लोगों के सम्मान पर भी जबाव देना होगा। नागरिक के लिए कर्तव्य है तो सरकार का भी कुछ दायित्व है। ऐसे प्रत्याशी को ही जिताएंगे जो हमारे सम्मान की रक्षा कर सके।
ललित कुमार पोद्दार कहते हैं कि अक्षम प्रतिनिधियों के चुने जाने के कारण खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के बाद भी झारखंड पिछड़े राज्यों की श्रेणी में आता है। भय, भूख, भ्रष्टाचार पर कोई बात नहीं करता है। जनता ने इसी को अपना मुद्दा बनाया है।
बासुदेव अग्रवाल का कहना है सिस्टम में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया है। करोड़पति, अपराधी, लुटेरों को इस बार मौका नहीं मिलनी चाहिए। मतदान के समय आंखें खुली रखेंगे तो पांच साल तक नींद खराब नहीं होगी। भ्रष्टाचार ही प्रमुख मुद्दा है।
विनोद जैन के अनुसार मुद्दों के आधार पर मतदान करना जनता का कर्तव्य है। आम लोगों ने ठान लिया है कि इस बार लालच, संबंध, पैरवी नहीं चलेगी। पार्टी के साथ प्रत्याशी के काम भी गौर किया जाएगा। वही मुद्दे प्रासंगिक होंगे जिसका संबंध राज्य से है।
अशोक नारसरिया के अनुसार यह मानना गलत होगा कि राज्य में विकास नहीं हुआ है। परंतु नेताओं की अकर्मण्यता के कारण विकास गति धीमी है। नेता मान कर चलते हैं जनता को हर बार बेवकूफ बनाया जा सकता है। इस परिपाटी को तोड़ना आवश्यक है।
नरेश बंका ने कहा, सड़क, कानून व्यवस्था, साफ-सफाई पर काम हो तो राजधानी स्वर्ग बन जाएगा। वहीं, राजेश भरतीया ने कहा कि बाकी की बाते बेकार स्थानीय मुद्दे पर जो बात करेगा वही चुन कर आयेगा। खनिज संपदा का उचित दोहन कर समग्र विकास को जनता ने मुद्दा बनाया है।