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झारखंड में क्यों उतावले हैं कांग्रेसी, बोर्ड-निगमों में चाहिए भागीदारी

झारखंड प्रदेश कांग्रेस में रोजमर्रा की किचकिच चरम पर है। एक ओर विधायकों ने खेमेबंदी कर रखी है तो दूसरी तरफ जिला अध्यक्षों ने भी मोर्चा खोल रखा है। इस विवाद के जड़ में बोर्ड और निगमों का बंटवारा है। साल की शुरूआत में ही इसे लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई।

By Vikram GiriEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 09:42 AM (IST)
झारखंड में क्यों उतावले हैं कांग्रेसी, बोर्ड-निगमों में चाहिए भागीदारी
झारखंड में क्यों उतावले हैं कांग्रेसी, बोर्ड-निगमों में चाहिए भागीदारी। जागरण

रांची [प्रदीप सिंह] । झारखंड प्रदेश कांग्रेस में रोजमर्रा की किचकिच चरम पर है। एक ओर विधायकों ने खेमेबंदी कर रखी है तो दूसरी तरफ जिला अध्यक्षों ने भी मोर्चा खोल रखा है। इस विवाद के जड़ में बोर्ड और निगमों का बंटवारा है। इस साल की शुरूआत में ही इसे लेकर सुगबुगाहट शुरू हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हाल के दिनों में इसे लेकर चौतरफा कवायद शुरू हुई है। विधायकों के अपने-अपने धड़े हैं। महिला विधायकों ने अलग से प्रेशर ग्रुप बना रखा है। इधर कांग्रेस के जिलाध्यक्षों ने नए सिरे से प्रदेश नेतृत्व पर निशाना बोला है। बुधवार को जिलाध्यक्षों की बैठक में अधिकांश ने नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर दिए।

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जिलाध्यक्षों का कहना था कि वे सभी कार्यक्रमों को पूरी गंभीरता से करते हैं। पार्टी के निर्देशों का भी पालन करते हैं, लेकिन उनकी भावना का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। वे दल के बंधुआ मजदूर नहीं हैं। जिलाध्यक्षों ने बोर्ड-निगमों में भागीदारी की मांग की। प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि इस मसले पर जल्द बातचीत होगी। हालांकि विधायकों को भी यही भरोसा दिलाया गया है। इस मांग को पूरा करना भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। विधायकों के साथ-साथ उन्हें जिलाध्यक्षों को भी संतुष्ट करना होगा। जल्द ऐसा नहीं हुआ तो असंतुष्ट और परेशानी खड़ी कर सकते हैं। विधायकों का समूह फिर से दिल्ली जाने की तैयारी में है। इधर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने योजना बनाई है कि इस मसले को सहयोगी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास जल्द उठाया जाएगा।

कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पद छोड़ने का किया एलान

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर पद त्याग सकते हैं। वे बोर्ड-निगमों के गठन के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी में भी शामिल हैं। इस कमेटी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश भी हैं। राजेश ठाकुर ने कहा है कि अगर 15 अगस्त तक बोर्ड, निगम और बीस सूत्री कमेटियों का गठन नहीं हुआ तो वे अपने पद से त्यागपत्र सौंप देंगे।


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