Jharkhand News: एकलव्य विद्यालयों को चलाएगा कौन, मोदी और हेमंत सरकार उलझे, असमंजस में चयनित छात्र
Jharkhand Eklavya Schools विद्यालयों के संचालन को लेकर केंद्र व राज्य सरकार एकमत नहीं। इस कारण नहीं हो पा रहा नामांकन। राज्य सरकार गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कराना चाहती हैं विद्यालयों का संचालन। केंद्र सरकार ने कहा दिशा-निर्देश जारी होने तक स्थगित रखें संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में केंद्र के सहयोग से 14 एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों के भवन बनकर तैयार हैं। इनमें वर्तमान शैक्षणिक सत्र में नामांकन के लिए छात्र-छात्राओं का चयन भी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से कर लिया गया है, लेकिन इन विद्यालयों का संचालन कौन करेगा, यह अभी तय ही नहीं हो पाया है। इससे चयनित विद्यार्थियों का नामांकन नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार बनकर तैयार इन आवासीय विद्यालयों का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कराना चाहती है। इसे लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी ही की जा रही थी कि भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन संचालित राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति ने गैर सरकारी संस्थाओं को सौंपने की प्रक्रिया को स्थगित करने को कहा। साथ ही भारत सरकार की पूर्व अनुमति के बिना इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेने को कहा।
राज्य सरकार के पत्र का केंद्र नहीं दे रहा जवाब
इस बीच राज्य सरकार ने इस साल जनवरी से जून माह तक कई बार पत्र भेजकर उक्त स्थगन आदेश को समाप्त करने एवं एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कराने के संबंध में निर्णय लेने का आग्रह किया। हर बार राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति ने इसे स्थगित रखने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि समिति के स्तर पर दिशा-निर्देश को अंतिम रूप देने तक गैर सरकारी संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया को स्थगित ही रखा जाए। राज्य सरकार ने 6 जुलाई को भी केंद्र को पत्र भेजकर स्कूलों में नामांकन तथा वहां उपलब्ध कराई गई आधारभूत संरचना आदि की सुरक्षा के संबंध में मार्गदर्शन मांगा, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।
1,400 विद्यार्थियों का नहीं हो पा रहा नामांकन
एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों में कक्षा छह में सौ-साै सीटों पर नामांकन होना है। इस तरह 1,400 एसटी विद्यार्थियों का इस साल नामांकन नहीं हो पा रहा है। वहीं पढ़ाई शुरू नहीं होने से विद्यालयों के रखरखाव की समस्या हो सकती है।
कैबिनेट की अगली बैठक में इसपर होगी चर्चा
इन विद्यालयों के संचालन को लेकर राज्य कैबिनेट की अगली बैठक में चर्चा होगी। केंद्र से अनुमति मिलने की प्रत्याशा में राज्य सरकार स्वयं कोई निर्णय इन विद्यालयों के संचालन काे लेकर कर सकती है। इसके बाद ही इन विद्यालयों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी।
केंद्र की बैठकों में उठा चुका हूं यह मुद्दा : सचिव
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव केके सोन ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि नए एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों के संचालन को लेकर केंद्र सरकार से बार-बार पत्राचार किया जा रहा है। लेकिन अभी तक कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हो पाया है। पढ़ाई शुरू नहीं होने से बनकर तैयार भवनों वहां उपलब्ध कराए गए आधारभूत संरचनाओं का रखरखाव भी नहीं हो पा रहा है। केंद्र की राज्यों की समिति में मैं भी सदस्य हूं, जिसकी बैठकों में इस समस्या को उठा चुका हूं।