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मैं किसके साथ, दो फरवरी तक करें इंतजार : प्रदीप यादव

चतो च रोचतो चतो चतो रचतोक

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 02:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:16 AM (IST)
मैं किसके साथ, दो फरवरी तक करें इंतजार : प्रदीप यादव
मैं किसके साथ, दो फरवरी तक करें इंतजार : प्रदीप यादव

जागरण संवाददाता, दुमका : झाविमो विधायक दल के नेता पद से हटाये गए पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने कहा है कि जिस जगह जनता की भलाई होगी, मैं वहीं खड़ा रहूंगा। यह भी कहा कि वे किस दल का दामन थामेंगे, दो फरवरी तक इंतजार करें, पर्दा उठ जाएगा। वे शनिवार को मीडिया से मुखातिब थे।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब से गठबंधन का दौर चला है, शीर्ष नेतृत्व को सरकार चलाने में कठिनाई हुई है। नेतृत्वकर्ता को अपने कुनबे को संभालकर रखने में पसीना भी छूटता है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर नेता विधायक बनना चाहता है। यह भी कहा कि मंत्री बनाना या न बनाना यह मुख्यमंत्री के हाथ में होता है। ऐसे मंत्री की बात कौन करें, राजनीति में कदम रखने वाला हर कोई मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक बनने की चाहत रखता है। विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने की बात पर उन्होंने दो टूक कहा कि इसका उत्तर हमें पद से मुक्त करने वाले से पूछा जाना चाहिए।

प्रदीप के कांग्रेस में शामिल होने पर विधायक इरफान अंसारी द्वारा इस्तीफा दिए जाने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि यह इरफान अंसारी की व्यक्तिगत राय हो सकती है। उन्होंने इस बात को भी सिरे से खारिज किया कि उनके अथवा बंधु तिर्की की वजह से मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इस दौरान भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि रघुवर दास से पूछा जाना चाहिए कि पूरे पांच साल तक सरकार चलाने के बाद भी मंत्री के एक रिक्त पद को वे क्यों नहीं भर सके।

कानूनी अड़चनों को पार करने के बाद ही शामिल होंगे प्रदीप और बंधु

राब्यू, रांची : झाविमो विधायक प्रदीप यादव और पार्टी से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की का कांग्रेस में शामिल होना लगभग तय है, लेकिन इसकी तारीख कानूनी अड़चनों की समाप्ति के बाद ही तय होगी। समस्या प्रदीप यादव के साथ अधिक है। उन्हें पार्टी ने विधायक दल के नेता से हटाया जरूर है लेकिन पार्टी स्तर पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसपर प्रदीप यादव ने भी चुनौती दी है और कहा है कि विधायक दल के नेता को विधायक दल की बैठक में हटाया जा सकता है। इससे प्रतीत हो रहा है कि दोनों गुट कानूनी लड़ाई के लिए तैयार हो रहे हैं। वर्तमान स्थिति में प्रदीप यादव अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो उन्हें दलबदल कानून के तहत कार्रवाई झेलना पड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस से भी इन्हें यही सलाह दी गई है।


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