परीक्षा की एजेंसी बदली तो पास होने में हांफने लगे फार्मेसी छात्र, पहले 90 फीसद होते थे पास, अब इतने फेल हो रहे
Neeraj AmbasthaPublish Date: Wed, 25 Jan 2023 10:09 PM (IST)Updated Date: Wed, 25 Jan 2023 10:09 PM (IST)
नीरज अंबष्ठ, रांची:
फार्मेसी डिप्लोमा की परीक्षाओं के परिणाम में चौंकाने वाली बात सामने आ रही है। पहले जहां इसकी विभिन्न वर्षों की परीक्षाओं में 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण होते थे, वहीं अब इससे अधिक संख्या में अभ्यर्थी फेल हो रहे हैं। लगातार दो परीक्षाओं के परिणाम में ऐसा ही हुआ।
एकमात्र सरकारी फार्मेसी संस्थान के सभी विद्यार्थी फेल
फार्मेसी डिप्लोमा के दूसरे साल की परीक्षा के हाल ही में जारी परिणाम में 90 फीसद से अधिक विद्यार्थी फेल हो गए थे। वहीं, अब पहले साल की परीक्षा का भी परिणाम जारी हुआ तो इसमें 97.30 प्रतिशत परीक्षार्थी फेल हो गए। कुल 3,400 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें 92 ही उत्तीर्ण हो सके। इनमें 58 ही सभी विषयों में उत्तीर्ण हुए। राज्य के 13 कालेजों में तो एक भी विद्यार्थी उत्तीर्ण नहीं हुआ। यहां तक कि राज्य के एकमात्र सरकारी फार्मेसी संस्थान राजकीय फार्मेसी संस्थान, बरियातू के भी सभी विद्यार्थी फेल हो गए।
औषधीय निदेशालय की जगह अब विभागीय समिति ले रही परीक्षा
दरअसल, अब यह परीक्षा विभागीय समिति द्वारा ली जा रही है। पहले परीक्षाएं औषधि निदेशालय द्वारा ली जाती थी। समिति ने समिति ने राजकीय फार्मेसी संस्थान सहित 56 फार्मेसी कालेजों की पिछले साल नवंबर-दिसंबर में परीक्षा ली थी। एक ही जगह सेंटर बनाकर परीक्षा आयोजित कराई गई और कापियां जांच के लिए दूसरे राज्यों के संस्थानों को भेजे गए।
पूर्व की परीक्षाओं पर उठ रहे सवाल
लगातार दो परीक्षाओं में इस तरह के परिणाम आने पर पूर्व की परीक्षाओं पर सवाल उठ रहे हैं कि पूर्व में इन्हीं सस्थानों से इतने अधिक विद्यार्थी किस तरह उत्तीर्ण हो रहे थे। इसमें औषधि निदेशालय से लेकर झारखंड फार्मेसी काउंसिल पर सवाल उठ रहे हैं।
पिछले साल लीक हो गया था प्रश्नपत्र
बता दें कि पिछले साल फार्मेसी की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक हो गया था। परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नपत्र वायरल हो गया था। हालांकि उस समय परीक्षा रद हो गई थी, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई किसी दोषी पर नहीं हो सकी। फार्मेसी से जुड़े कई लोगों का कहना है कि पूर्व की परीक्षाओं की जांच हो तो बड़ा रैकेट सामने आ सकता है। इससे संबंधित कई शिकायतें विभाग को भी मिली थीं, लेकिन इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई।
Edited By: Mohit Tripathi
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