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बनने से पूर्व ढह गए स्कूल और छात्रावास, सरकारी पैसे की हुई लूट

कल्‍याण विभाग की सचिव हिमानी पांडेय ने सरकारी पैसे के दुरुपयोग का मामला बताते हुए डीसी से विस्‍तृत जांच रिपोर्ट तलब की है।

By Edited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 07:01 AM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 11:49 AM (IST)
बनने से पूर्व ढह गए स्कूल और छात्रावास, सरकारी पैसे की हुई लूट
बनने से पूर्व ढह गए स्कूल और छात्रावास, सरकारी पैसे की हुई लूट

रांची, विनोद श्रीवास्‍तव । योजनाओं के नाम पर खानापूर्ति और राशि का दुरुपयोग, लूट, झारखंड के लिए नई बात नहीं है। इसे अफसरों की मिलीभगत कहें या प्रशासनिक विफलता, कमजोर डिलीवरी मैकेनिज्म का नाम दें अथवा मॉनीटरिंग तंत्र की लापरवाही, करोड़ों रुपये यहा बर्बाद किए जाते रहे हैं। राशि की बर्बादी, लूट का नया नमूना पेश किया है चतरा के सिमरिया स्थित अनुसूचित जाति आवासीय उच्च विद्यालय ने।

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इसे मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए 2.16 करोड़ रुपये की स्वीकृति कल्याण विभाग ने दी है। यहा कार्य प्रगति में पाया गया, परंतु प्राक्कलन के विरुद्ध खिड़कियों और दरवाजों को बदलने के बजाय उसकी महज मरम्मत कर पैसे की बंदरबाट कर ली गई। और तो और विद्यालय परिसर की चहारदीवारी से सटा नया विद्यालय परिसर बनने से पूर्व ही ढह चुका है।

यहां 2016 से ही काम बंद है। इससे भी बुरी स्थिति 100 बेड वाले तीन छात्रावासों की है। पहले छात्रावास की प्रथम तल की ढलाई, जबकि दूसरे तल में लेटर स्तर तक ईंट की जोड़ाई के मात्र अवशेष दिखते हैं। खंडहर में तब्दील दूसरे छात्रावास के आधे भाग में छत की ढलाई और लेटर स्तर तक ईंट की जोड़ाई पैसे की बर्बादी की कहानी कह रहे हैं।

तीसरे छात्रावास की बात करें तो यहा लेटर स्तर का कार्य दिखता है, जो कहीं पूरा तो कहीं आधा ढह चुका है। कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों की जाच टीम ने इस आशय की जांच रिपोर्ट सौंपी है। विभागीय सचिव हिमानी पांडेय ने इसे सरकारी राशि के दुरुपयोग का मामला करार दिया है। उन्होंने इस मामले में उपायुक्त, चतरा से 12 बिंदुओं (योजना का नाम, स्वीकृति वर्ष, स्वीकृत व आवंटित राशि, अद्यतन मापी व व्यय आदि) पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

ओडीएफ का सच , खुले में शौच जा रहीं छात्राएं: सरकार ने राज्य को खुले में शौच से मुक्त(ओडीएफ) कर देने का दावा कई मौकों पर दोहराया है। इससे इतर चतरा के ही सिमरिया स्थित अनुसूचित जाति आवासीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय की मौजूदा स्थिति शर्मसार करती है। शौचालयों के खराब रहने तथा पानी के अभाव में यहा की छात्राएं खुले में शौच को मजबूर है। उच्चाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।

शिकायत की सजा, छात्राओं की पिटाई, अभिभावकों से दु‌र्व्यवहार : जांच दल ने अनुसूचित जाति आवासीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय के निरीक्षण में प्रधानाध्यापिका द्वारा छात्राओं की बुरी तरह से पिटाई करने, उन्हें अपशब्द कहने तथा शिकायत करने पर उनकेअभिभावकों से दु‌र्व्यवहार किए जाने की बात को पुष्ट पाया। जांच के दौरान दल को यह भी जानकारी मिली कि प्रधानाध्यापिका एक सप्ताह से क्लास नहीं ले रहीं। छात्राओं ने इसकी वजह पिछले दिनों विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) के उस दौरे को बताया, जिसमें कुछ छात्राओं ने प्रधानाध्यापिका की करतूतों से पीएमयू को अवगत कराया था।

यहां भी मिलीं गड़बड़ियां : -अप्रैल में जारी हुई राशि, अक्टूबर तक नहीं मिले पोशाक। जूता, मोजा, स्कूल बैग भी नदारद। -अनुशासन की कमी, करमा पूजा के 20 दिनों बाद भी स्कूल से नदारद रहीं 50 छात्राएं। -पानी की कि ल्लत, चापानल से स्नानागार तक पानी ढोती मिली छात्राएं।


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