Weekly News Roundup Ranchi: हांफ रही सरकार...रामजी करेंगे बेड़ा पार
Weekly News Roundup Ranchi शहरी परिवहन की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनी। सिर्फ अधिकारी बदलते रहे और टेंडर निकाल ड्यूटी पूरी करते रहे।
मशीन फेल तो क्या, फिर खरीदेंगे
कवर्ड ड्रेन की सफाई रांची नगर निगम के लिए सिरदर्द बन चुकी है। तीन वर्ष से अधिकारी ड्रेन की सफाई के लिए प्लानिंग कर रहे हैं। हर वर्ष बारिश के मौसम से प्लानिंग होती है। इस काम के लिए लगभग 10 लाख की लागत से कटर मशीन खरीदी गई। हालांकि इस मशीन को चालू करने में दो वर्ष गुजर गए। कटर मशीन की खरीदारी से पहले बड़े-बड़े दावे किए गए थे। जब मशीन के माध्यम से कवर्ड ड्रेन की ऊपरी सतह को काटने की शुरुआत की गई तो मशीन भी हांफ गई। अब आला अधिकारी नए सिरे से मशीन की खरीदारी करने की तैयारी कर रहे हैं। कटर मशीन फेल हुई तो क्या हुआ? अब लाखों रुपये की लागत से कवर्ड ड्रेन की सफाई के लिए मशीन की खरीदारी होगी। नई व्यवस्था किसके ज्यादा काम आएगी? यह तो समय के साथ भगवान ही जानें।
कंडम बसें शहर की शान
10 वर्ष बाद भी राजधानी में संचालित हो रहीं कंडम बसें शहर की शान हैं। करोड़ों की लागत से खरीदे गए वाहन मेंटेनेंस के अभाव में बर्बाद हो गए। फिर भी आलाधिकारी इन बसों की मरम्मत, बीमा व परमिट के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये स्वाहा कर रहे हैं। शहरी परिवहन की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनी। सिर्फ अधिकारी बदलते रहे और टेंडर निकाल ड्यूटी पूरी करते रहे। हालात ऐसे हैं कि इन कंडम बसों के संचालन की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। नौ बार टेंडर निकालने के बाद भी अधिकारी सफल नहीं हुए। अब इन बसों को अधिकारिक तौर पर कंडम घोषित कर बसों की खरीदारी की तैयारी हो रही है। फिर करोड़ों रुपये परिवहन के नाम पर फूंके जाएंगे। बसों के संचालन के नाम पर निजी एजेंसी को लाभ पहुंचाया जाएगा।
वन-वे ट्रैफिक सिस्टम फेल
अपर बाजार क्षेत्र को जाम से मुक्त कराने की योजना एक बार फिर फेल हो चुकी है। 10 चिह्नित जगहों पर सिर्फ स्लाइडिंग बेरिकेड खड़े कर वन-वे की प्लानिंग की खानापूर्ति की जा रही है। इससे पूर्व अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे किए, फिर भी इस क्षेत्र में किसी की भी एक न चली। वन-वे व्यवस्था शुरू हुई और दो-चार दिनों बाद ही फेल हो गई। पूर्व की योजनाओं पर गौर करें तो ऑड-ईवन पार्किंग तक की तैयारी की गई थी। थोक व खुदरा व्यवसायी भी इस नई-नई प्लानिंग से ऊब चुके हैं। ट्रैफिक को-ऑर्डिनेशन कमेटी के नाम पर रांची नगर निगम अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है और ट्रैफिक विभाग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। अब स्मार्ट सिटी के स्मार्ट अधिकारी इस क्षेत्र में सुगम यातायात की व्यवस्था स्थापित करने के लिए नए सिरे से प्लानिंग कर रहे हैं। समय बताएगा, नई योजना कितनी कारगर होगी।
शिफ्ट होना है, फिर भी वाई-फाई
शहरवासियों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शहरी क्षेत्र के कई सरकारी कार्यालयों में निश्शुल्क वाई-फाई सिस्टम लगाए जा रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि सरकारी योजनाओं की ऑनलाइन जानकारी लेने वाले लोग न तो इस सुविधा की उपयोगिता समझ रहे हैं और न ही इसका इस्तेमाल करना जान रहे हैं। अधिकांश लाभुक ऑनलाइन सुविधा के नाम पर प्रतिदिन कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। कार्यालयों में बैठे बाबू भी सिर्फ मौखिक तौर पर ही ऑनलाइन सुविधाओं की बातें करते हैं। लाभुकों को ऑनलाइन सुविधा की प्रैक्टिकल जानकारी देने के लिए इन कार्यालयों में कोई व्यवस्था नहीं है। इधर, निगम के पुराने भवन में वाई-फाई सिस्टम लगाए जा रहे हैं जबकि नया भवन बनकर तैयार हो चुका है। जल्द ही नए भवन में निगम कार्यालय के सभी विभाग शिफ्ट हो जाएंगे। फिर भवन में लग रहा वाई-फाई सिस्टम किसके काम आएगा।