Weekly News Roundup Ranchi: जानें हफ्तेभर की कांग्रेस की उठापटक, क्या डॉ अजय के झटके से उबर जाएगी कांग्रेस
Weekly News Roundup Ranchi. डॉ अजय ने आप का दामन ऐसा थामा कि बड़े कांग्रेसी भी सदमे में रह गए। पढ़ें इस पूरे हफ्ते कांग्रेसी राजनीति में उठापटक पर आधारित यह रिपोर्ट।
रांची, [आशीष झा]। Weekly News Roundup Ranchi प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के लगभग एक महीने बाद डॉ. अजय कुमार ने पार्टी को अलविदा कह आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। दामन भी ऐसा थामा कि बड़े कांग्रेसी भी सदमे में रह गए। झारखंड विकास मोर्चा से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करनेवाले डॉ. अजय के लिए यह तीसरी पार्टी है। उनके छोड़कर जाने से कांग्रेस को निश्चित तौर पर झटका लगा और अब पार्टी इससे उबरने की कोशिशों में लगी हुई है।
शुरुआती कदम तो यही उठाए गए कि जिन लोगों को उस समय पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था वही लोग वापस पार्टी दफ्तर में आगे की पंक्तियों में बैठ गए। अनुशासनहीनता का आरोप भी खत्म। इसके बाद डॉ. अजय के खिलाफ मोर्चा खोला गया और उन्हें मौकापरस्त करार दिया गया। यह काम कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने किया। उन्हें पहले भी डॉ. अजय कुमार से नाराजगी थी और वे जगजाहिर भी कर चुके थे।
अपने को खड़ा करने में लगे हैं कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव
दूसरी ओर अपनी टीम के साथ डॉ. रामेश्वर उरांव ताकत दिखाने में जुटे हैं। पहले तो उन्होंने झामुमो को बड़ा भाई मानने से इनकार कर दिया लेकिन मुंह की खानी पड़ी है। इसके बाद उनका फोकस पार्टी पर है और लगातार जिलों में बैठक कर लोगों से परिचय बढ़ा रहे हैं। प्रदेश मुख्यालय में भी उन्होंने जोनल को-आर्डिनेटरों व विस प्रभारियों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की और कई निर्देश पार्टी पदाधिकारियों को दिए।
रामेशवर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन दोनों कम मौकों पर ही साथ-साथ दिखते हैं। को-आर्डिनेटरों के साथ बैठक में अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम साथ-साथ दिखे। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, केशव महतो कमलेश आदि भी लोगों के साथ नई भूमिका में संपर्क बढ़ाते दिखे।
माला तो नहीं पहना, लेकिन भव्य स्वागत से परहेज नहीं
बीते दिन रामगढ़ और सिमडेगा में संगठन की चूलें कसने पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने प्रदेश की कमान मिलने के बाद घोषणा की थी, कि जब तक भाजपा की सरकार रहेगी वे माला नहीं पहनेंगे। हालांकि सिमडेगा अौर रामगढ़ में कार्यकर्ताओं ने माला से कई कदम आगे बढ़कर उनका भव्य स्वागत किया। इस लिहाज से तामझाम की संस्कृति से भरी-पूरी कांग्रेसी राजनीति में उठापटक को पीछे छोड़ने की उनकी कोशिश को कमोबेश बल मिलता दिख रहा है।