रिम्स में वार्ड टू वार्ड ब्लड सप्लाई शुरू, मरीजों के बेड तक समय पर खून पहुंचाने के लिए लगाए गए 3 कर्मी
रिम्स के मॉडल ब्लड बैंक को और बेहतर बनाने की पहल की जा रही है। अब मरीजों को खून के लिए लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना होगा। साथ ही ब्लड बैंक के चक्कर भी नहीं काटने होंगे। बल्कि अब मरीजों को उनके वार्ड पर ससमय खून पहुंचाया जाएगा।
रांची, जासं । रिम्स के मॉडल ब्लड बैंक को और बेहतर बनाने की पहल की जा रही है। अब मरीजों को खून के लिए लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना होगा। साथ ही ब्लड बैंक के चक्कर भी नहीं काटने होंगे। बल्कि अब मरीजों को उनके वार्ड पर ससमय खून पहुंचाया जाएगा। इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी। उपाधीक्षक डा. संजय कुमार की पहल से बुधवार को तीन कर्मचारियों को ब्लड सप्लाई के लिए ब्लड बैंक में तैनात किया गया है।
यह ट्रायल बेसिस में दो से तीन दिन तक ब्लड बैंक के साथ सामंजस्य बनाकर काम करेंगे। परिजनों द्वारा रिक्यूजिशन ब्लड बैंक पहुंचने के बाद इन कर्मचारियाें का काम खून संबंधित विभाग या वार्ड में मरीज पहुंचाना होगा। वार्ड में सिस्टर इंचार्ज या ड्यूटी सिस्टर खून उनसे लेकर मरीजों को चढ़ाने का काम करेगी। ब्लड रिक्यूजिशन ब्लड बैंक में आने के एक घंटे के भीतर मरीजों तक पहुंचाया जाएगा।
बुधवार को रिम्स में ड्रेसर के रूप में कार्यरत कैश आलम, मुकेश कुमार दास और दिलीप कुमार को बेड टू बेड डिलीवरी के लिए लगाया गया है। डा. संजय कुमार ने कहा कि कुछ दिन ऑब्जर्वेशन के बाद देखा जाएगा कि इस सुविधा से मरीजों को कितना फायदा मिल रहा है। बताते चले कि वार्ड टू वार्ड ब्लड सप्लाई की योजना रिम्स के पूर्व निदेशक डा. डीके सिंह व एडिशनल डायरेक्टर रहे मृत्युंजय वर्णवाल ने बनाई थी। जबकि किसी कारणवश इसे शुरू नही किया जा सका था।
इस प्रकिया से पहुंचेगा वार्डो तक खून
ब्लड बैंक से रिक्यूजिशन लाने और वार्डो तक ब्लड पहुंचाने के लिए तीन कर्मचारी तैनात किए गए हैं। उन कर्मियों को वार्ड टू वार्ड जाकर रोजाना वार्ड में कितने मरीजों को ब्लड की जरूरत है इसका रिकार्ड लेना होगा। वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए वार्ड से रिक्यूजिशन लेकर ब्लड बैंक तक पहुंचाएंगे। रिक्युजिशन देने के बाद ब्लड बैंक से उन्हीं कर्मियों को जाकर वार्ड तक ब्लड पहुंचाना होगा।
परिजनों को ब्लड बैंक में नहीं लगाना होगा लाइन
ब्लड के लिए मरीज के परिजन सुबह से शाम तक ब्लड बैंक में लाइन लगाकर खड़े रहते है। इस दौरान उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। कई बार रिक्यूजिशन जमा करने के बाद ब्लड बैंक से नंबर दिया जाता है। लेकिन कई बार सुबह से लाइन में लगे मरीजों को रात तक ब्लड नहीं मिल पाता है। इस दौरान वें काफी परेशान होते है। इन्हीं परेशानी को दूर करने के लिए इस पहल पर काम किया गया है। इससें मरीजों को ब्लड बैंक आए बिना वार्ड में ब्लड मिल सकेगी।