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निजी अस्पतालों में इंतजार, सरकारी में जमीन पर मरीज

तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बदतर ह ो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:00 AM (IST)
निजी अस्पतालों में इंतजार, सरकारी में जमीन पर मरीज
निजी अस्पतालों में इंतजार, सरकारी में जमीन पर मरीज

मनोरंजन, रांची :

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तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच स्वास्थ्य सेवाएं लगातार बदतर होती जा रही हैं। राजधानी रांची में संक्रमितों को बेड मुहैया कराने के लिए जिला प्रशासन ने इनसिडेंट कमांडर्स की तैनाती कर रखी है। निजी अस्पतालों से समन्वय स्थापित करने को कहा गया है। मरीज और उनके स्वजन को परेशानी से बचाने के लिए कई कदम उठाने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है। अधिकतर अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है। मेडिका सहित कई अस्पतालों में भर्ती होने के लिए मरीज इंतजार कर रहे हैं। प्रतीक्षा सूची भी बनाई जा रही है। शनिवार रात पौने आठ बजे तक बेड के लिए इंतजार करने वाले मरीजों की सूची 59 तक पहुंच गई थी। वहीं, रिम्स और सदर अस्पताल के बाहर भर्ती होने आए मरीज एंबुलेंस व जमीन पर लेटे नजर आए। स्वजन चार-चार घंटे तक चक्कर लगा रहे। मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को फोन कर रहे। प्रशासनिक अधिकारियों की कोशिश के बावजूद बेड नहीं मिला रहे। आक्सीजनयुक्त बेड, आइसीयू व वेंटिलेटर के लिए जबरदस्त अफरा-तफरी का आलम है।

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गत वर्ष की तुलना में अबकी अधिक मरीज हैं आक्सीजन बेड पर

रिम्स के डा.डीके सिन्हा कहते हैं कि गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कोविड से पीड़ित होनेवाले ज्यादा मरीजों को आक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। अब तक अस्पताल के पास आंकड़े के रूप में इसे साबित करने के लिए तथ्य नहीं है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि 10 अप्रैल 2020 के मुकाबले 10 अप्रैल 2021 को कहीं अधिक मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट वाले बेड पर रखा गया है। हालात बयां करने को यह तस्वीरें ही काफी

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स्थान : रिम्स

समय : दोपहर 2.15 बजे

स्थिति : देवघर से इलाज के लिए पहुंची वंदना कुमारी के स्वजन अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पहुंचे। उम्र करीब 55 वर्ष है। बुखार, सर्दी-खांसी और सांस लेने में परेशानी के बाद देवघर से रेफर कर दिया गया। रिम्स में बताया गया कि बेड नहीं है। अपराह्न तीन बजे के बाद तक स्वजन मरीज को एंबुलेंस में रख भर्ती के लिए इंतजार करते रहे।

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स्थान : रिम्स

समय : दोपहर 1.30 बजे

स्थिति : हटिया से इलाज के लिए लाई गई उषा प्रसाद को भर्ती कराने के लिए स्वजन दो घंटे परेशान रहे। रिम्स आने से पहले कई प्राइवेट अस्पतालों में गए। उन्हें वापस लौटा दिया गया। रिम्स में भी बेड उपलब्ध नहीं होने का हवाला देकर भर्ती नहीं लिया जा रहा था। मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। स्वजन ने उसे आक्सीजन सपोर्ट पर रखा था।

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स्थान : रिम्स

समय : दोपहर 12.45 बजे

स्थिति : झालदा से लाई गई रूपन चंद्र कोइरी को स्वजन अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराना चाहते थे। कोरोना संक्रमण की जांच करानी थी। बाहर पानी देकर रखा गया था। मरीज की उम्र 30 वर्ष के करीब थी। मरीज को बेड नहीं मिलने के कारण अस्पताल में जमीन पर सुलाया रखा था।


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