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नई शिक्षा नीति देश की सोच को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम

नई शिक्षा नीति पर रांची विवि के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि विकसित भारत की सोच साकार करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 02:14 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 02:14 AM (IST)
नई शिक्षा नीति देश की सोच को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम
नई शिक्षा नीति देश की सोच को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम

जागरण संवाददाता रांची : नई शिक्षा नीति पर रांची विवि के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि विकसित भारत की सोच साकार करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नई शिक्षा नीति में डिजिटल मोड को शिक्षा व्यवस्था में व्यापक तरीके से जोड़ा जा रहा है, यह निश्चित रुप से आने वाले समय में युवाओं को बहुत बड़ा प्लेटफार्म देगा। वे बुधवार को रेडियो खांची में प्रसारित कार्यक्रम में बोल रहे थे। वीसी ने कहा कि स्कूली शिक्षा में जिस प्रकार से स्थानीय भाषा में प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ाई की व्यवस्था करने का प्रावधान है वह बहुत अच्छा है। जो छात्र स्थानीय भाषा में पढ़ाई करते हैं उनकी सफलता की गुंजाइश सर्वाधिक होती है। उन्होंने आगे कहा नई शिक्षा नीति में पढ़ाई मल्टी डिसीप्लिनरी और हॉलिस्टिक होगा। रचनात्मक और गुणात्मक सोच को बढ़ावा दिया जाएगा। मानवीय तथा संवैधानिक मूल्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। संचालन रेडियो खांची के निदेशक डॉ. आनंद ठाकुर ने किया।

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देश की जड़ों को जानने में मील का पत्थर

प्रति कुलपति प्रो. कामिनी कुमार ने कहा कि भारत की जड़ों को जानना तथा गर्व को पुन: स्थापित करने की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा। शिक्षा व्यवस्था को स्वायत, अच्छा प्रशासन तथा तथा इमपावर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के सदुपयोग से छात्र चौबीसों घंटे ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। प्रोवीसी ने विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने छात्रों में ज्ञान के प्रवाह को मानवता व प्रकृति के लिए उपयोग के लिए शिक्षा में विविधता व समायोजन पर बल दिया जो नई शिक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण पहलू हैं। -----------

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नई शिक्षा नीति नया भारत बनाएगी

रांची : रांची विवि के सीनेट सदस्य शशांक राज ने कहा कि 34 साल बाद बनी भारतीय संस्कृति पर आधारित नई शिक्षा नीति-2020 से भारत दुनिया के शिक्षा जगत का गंतव्य स्थान होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे कर मैकालेवाद से आजादी दिलाई है। देश में नई शिक्षा क्रांति का आरंभ होगा। सरकार का विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रणाली उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। तीन दशक बाद देश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव नए भारत की ओर ले जाएगा।


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