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निकाय चुनाव में 65.15 फीसद मतदान, मतगणना 20 को

बासुकीनाथ नगर पंचायत में सर्वाधिक 76.69 फीसद और रांची नगर निगम में सबसे कम 49.03 फीसद वोटिंग हुई।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 11:13 AM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 12:35 PM (IST)
निकाय चुनाव में 65.15 फीसद मतदान, मतगणना 20 को
निकाय चुनाव में 65.15 फीसद मतदान, मतगणना 20 को

जागरण न्यूज नेटवर्क, रांची। झारखंड के 34 शहरी निकायों के लिए मतदान संपन्न हो गया। सोमवार को इस मौसम का सबसे गर्म दिन था। उच्चतम पारा 38 डिग्री सेल्सियस को छू गया। बावजूद, वोटर कतार लगाकर बूथ पर खड़े दिखे। रिकार्ड 65.15 फीसद वोट पड़े। 2013 में हुए चुनाव में 63.17 प्रतिशत वोटिंग ही हुई थी। यानी पिछले चुनाव से करीब दो फीसद अधिक मतदान हुआ। बड़े पैमाने पर ईवीएम खराब होने, छिटपुट हिंसा-हंगामा को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। कपाली नगर परिषद में उपाध्यक्ष पद का चुनाव रद कर दिया गया है। यहां झामुमो के उपाध्यक्ष प्रत्याशी का चुनाव चिह्न बदल गया था। चार दिन बाद 20 अप्रैल को मतों की गिनती होगी, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षद के प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला होगा।

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बासुकीनाथ नगर पंचायत में सर्वाधिक 76.69 फीसद और रांची नगर निगम में सबसे कम 49.03 फीसद वोटिंग हुई। इस वर्ष भले रांची में सभी निकायों के मुकाबले सबसे कम वोट पड़े लेकिन पिछले वर्ष से तुलना करें तो रांची नगर निगम की वोटिंग में बंपर उछाल आया है। यहां पिछले वर्ष के 34.13 फीसद के मुकाबले 14 फीसद अधिक वोट पड़े। उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 20 अप्रैल को होगा। 792 पदों के लिए 4559 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य में पहली बार दलीय आधार पर मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव हुए। ऐसे में अगले साल होने वाले विधानसभा, लोकसभा चुनाव से पूर्व दलों को अपनी ताकत तौलने का यह अंतिम मौका है।

चुनाव चिन्ह बदलने के बाद मतदान रद :

कपाली में नगर परिषद चुनाव में वोटिंग शुरू होने के बाद रोक दी गई है। यहां उपाध्यक्ष पद पर खड़े प्रत्याशी का चुनाव चिन्ह ही बदल गया था। प्रत्याशी का आरोप था कि तीर-धनुष की जगह सिर्फ तीर का निशान ईवीएम पर था। झामुमो ने इसका कड़ा विरोध किया है। झामुमो के हंगामे के बाद यहां उपाध्यक्ष पद का चुनाव रद कर दिया गया है। चुनाव की तिथि बाद में घोषित की जाएगी।

धनबाद में बसपा जिलाध्यक्ष को पुलिस ने हिरासत में लिया :

धनबाद की चिरकुंडा नगर परिषद और धनबाद नगर निगम के दो वार्डो में चुनाव संपन्न हुआ। मनईटांड़ के बूथ नंबर 17 में बिजली नहीं होने के कारण मोबाइल और मोमबत्ती की रोशनी में मतदाताओं ने वोट डाले। वार्ड 31 में शंभू धर्मशाला के बूथ पर पुलिस ने मजमा लगा रहे लोगों को हटाने के लिए लाठियां चलाई। इस दौरान एक बीएलओ को भी चोट लग गई। डिगवाडीह वार्ड नंबर 40 में मतदान केंद्र पर मजमा लगाए बसपा जिलाध्यक्ष मदन राम को पुलिस ने हिरासत में लिया। उन्होंने बहस की तो उनकी मिजाजपुर्सी कर दी। चिरकुंडा नगर परिषद चुनाव में मतदाताओं को पैसे बांटने के आरोप में पुलिस ने दीपक सिन्हा, रामसेवक, मो. अली व चांदू साव और वार्ड एक की पार्षद प्रत्याशी निर्मला देवी को हिरासत में लिया।

रांची में ईवीएम ने दिया धोखा, नाराज हुए वोटर

रांची मं ईवीएम मशीन की गड़बड़ी से मतदाता खूब परेशान हुए। कई केंद्रों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई। कहीं उसका बटन ही काम नहीं कर रहा था तो कहीं उसकी सेटिंग की दोष था। वोट किसी को दबाओ जा किसी और को रहा था। इसे लेकर कई इलाकों में हंगामा हुआ। रानी बागान स्थित मतदाता केंद्र पर सभी ईवीएम खराब थी। करीब दो घंटे तक मतदाता खड़े रहे। ईवीएम ठीक नहीं हुई तो लोगों ने इसका विरोध करना शुरू किया। हंगामा देर तक चला। बाद में जिला प्रशासन के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। नई ईवीएम लगाई गई। उसके बाद लोग शांत हुए। कुछ ऐसी ही स्थिति हिंदपीढ़ी स्थित वार्ड नंबर 22 के इस्लामी मरकज मतदान केंद्र पर भी रही। यहां भी ईवीएम में खराबी के कारण करीब आधे घंटे तक मतदान प्रभावित रहा। इसी तरह शहर के कई हिस्सों से ईवीएम खराब होने की सूचना आई। वोटर परेशान रहे।

राज्यपाल ने नहीं दिया वोट, हेमंत रहे परेशान

मतदान प्रक्रिया में पहली बार राज्यपाल ने हिस्सा नहीं लिया। दरअसल, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम वोटर लिस्ट में शामिल ही नहीं था। आमतौर पर राज्यपाल व अन्य वीआइपी मतदान के लिए एटीआइ स्थित मतदान केंद्र में आते हैं, लेकिन सोमवार को मतदाता लिस्ट में राज्यपाल का नाम न रहने के कारण वहां भी सन्नाटा पसरा रहा। किसी तरह की विशेष तैयारी भी वहां नहीं की गई थी। जिला प्रशासन के अनुसार राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपना नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़वाया था। उनका नाम पहले से ओडिशा में दर्ज होने के कारण उन्होंने यहां नाम दर्ज नहीं कराया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन बूथ बदले जाने के कारण काफी देर तक परेशान रहे। वह पत्‍‌नी के साथ बूथों पर अपना नाम ढूंढते रहे। काफी देर बाद उनका नाम मिला और उन्होंने मतदान किया। बूथ बदले जाने के कारण इसी तरह बड़ी संख्या में लोग परेशान रहे। नए परिसीमन के कारण वोटरों के बूथ बदल गए हैं।

रामगढ़ में चलने से लाचार एक वृद्धा को मतदान के लिए इस तरह बूथ तक ले गए उसके परिजन।


हिंदपीढ़ी इस्लामी मरकज की पहली वोटर हिना परवीन।


लोहरदगा में कांग्रेस की मेयर पद की प्रत्याशी अनुपमा भगत, विधायक सुखदेव भगत अपने बेटों के साथ मतदान करने के बाद इस तरह दिखे।


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