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विस कमेटी ने पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति मामले में मांगी तुलनात्मक रिपोर्ट Ranchi News

Jharkhand. विस कमेटी ने कहा कि तीनों जांच रिपोर्ट में विरोधाभास है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद 14 अक्टूबर तक तुलनात्मक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 07:59 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 07:59 PM (IST)
विस कमेटी ने पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति मामले में मांगी तुलनात्मक रिपोर्ट Ranchi News
विस कमेटी ने पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति मामले में मांगी तुलनात्मक रिपोर्ट Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। विधानसभा की कमेटी ने पलामू में 435 पारा शिक्षकों की अवैध नियुक्ति मामले में राज्य सरकार से पूर्व में हुई तीनों जांच की तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी है। गुरुवार को विधानसभा सचिवालय में हुई बैठक में कमेटी ने स्पष्ट रूप से कहा कि पूर्व में हुई तीनों जांच की रिपोर्ट एक-दूसरे से मेल नहीं खाती। इसलिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद 14 अक्टूबर तक इसकी तुलनात्मक रिपोर्ट दे ताकि इस पर अंतिम निर्णय लिया सके।

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कमेटी के संयोजक सह विधायक सत्येंद्र तिवारी, विधायक राधाकृष्ण किशोर, प्रकाश राम तथा हरेकृष्ण सिंह की उपस्थिति में बैठक हुई। इसमें कहा गया कि वर्ष 2012 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक बांके बिहारी ने मामले की जांच की थी। इसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक शिवेंद्र कुमार ने अलग जांच की। दोनों की रिपोर्ट में विरोधाभास था।

एक ने कुछ पारा शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया था तो दूसरे ने गलत। बाद में पलामू के डीडीसी ने इसकी जांच की, जिनकी रिपोर्ट भी भिन्न थी। इसपर कमेटी ने झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक उमाशंकर सिंह को तीनों जांच रिपोर्ट के आधार पर तुलनात्मक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। इधर, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने विभिन्न जिलों में पारा शिक्षकों की हुई नियुक्ति के संबंध में जिलों से मंगाई गई रिपोर्ट भी कमेटी को दी।

बता दें कि विधानसभा के मानसून सत्र में पलामू में पारा शिक्षकों को अवैध नियुक्ति के आधार पर हटाए जाने का मामला उठा था। इसके बाद स्पीकर डॉ. दिनेश उरांव ने पारा शिक्षकों पर किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए जांच के लिए कमेटी गठित कर दी थी। हालांकि इस कमेटी को सितंबर माह में ही अपनी रिपोर्ट देनी थी। इससे पहले डीडीसी की जांच में छत्तरपुर कार्यरत 633 पारा शिक्षकों में 251 तथा नवाडीह में 440 में 184 की नियुक्ति अवैध पाई गई थी, जिसके बाद इनके मानदेय पर रोक लगा दी गई थी। इसी तरह की गड़बड़ी कोडरमा में भी सामने आई है।


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