मानव तस्करी की शिकार प्रियंका 9 साल बाद हुई मुक्त, तस्करों ने 8 साल की उम्र में बेच दिया था; पढ़ें पूरी खबर
Human Trafficking in Jharkhand News सीडब्ल्यूसी चेयरमैन उपेंद्रनाथ दूबे की पहल के बाद उसे वहां से छुड़ाकर रविवार को लाया गया और सीडब्ल्यूसी गढ़वा में मंगलवार को प्रस्तुत किया गया। उसे बंधुवा मजदूर की तरह रखा जाता था।
गढ़वा, जासं। आठ साल की उम्र में मानव तस्करी की शिकार हुई एक नाबालिग लड़की प्रियंका कुमारी (बदला हुआ नाम) करीब नौ साल बाद अपने घर लौट आई है़। नौ साल तक बाल मजदूर के रूप में काम करने के एवज में उसे मात्र पांच हजार रुपये मिलते थे। प्रियंका कुमारी गढ़वा की रहने वाली है़। उसे प्रदीप कच्छप नामक एक व्यक्ति यह कहकर अपने साथ ले गया था कि वह उसे रांची के मिशन स्कूल में अच्छी शिक्षा दिलाएगा। लेकिन घर से ले जाने के बाद उसे उतराखंड राज्य के हरिद्धार ले जाया गया और वहां उसे घरेलू नौकर के रूप में बेच दिया गया़।
वह नौ साल तक एक ही व्यक्ति के यहां झाड़ु-पोंछा का काम करती रही। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के चेयरमैन उपेंद्रनाथ दुबे की पहल के बाद उसे वहां से छुड़ाकर रविवार को लाया गया और सीडब्ल्यूसी गढ़वा में मंगलवार को प्रस्तुत किया गया। प्रियंका कुमारी की मां ने बताया कि उसकी बेटी को जब ले जाया गया था, तब वह तीसरी कक्षा में पढ़ती थी।
मानव तस्कर प्रदीप कच्छप उसे ले जाने के बाद पढ़ाने के बजाय हरिद्धार के एक सरदार के घर बेच दिया। वहां उसे बंधुआ मजदूर की तरह रखा जाता था़। उसे घर से बाहर जाने की भी इजाजत नहीं थी़। उसकी बेटी पढ़ने जा रही है, यह जानकर उसने अपना करीब एक बीघा जमीन बंधक रखकर 1300 रुपये तस्कर को दिए थे। उस जमीन को वह आज तक नहीं छुड़ा पाई है।
चार-पांच बार मालिक से पैसे लेने गया था मानव तस्कर
प्रियंका कुमारी ने बताया कि जिस घर में उसे बेचा गया था, वहां कुल छह सदस्य थे। उसमें दो छोटे-छोटे बच्चे भी थे़। उसे आगे कुछ भी पढ़ने के लिए नहीं मिला है। उसने बताया कि उसको बेचे जाने की बात का पता तब चला, जब सरदार (खरीदनेवाला) ने उससे कहा कि जब तक उसके पैसे चुकते नहीं होंगे, वह यहां से नहीं जा सकती है। उसने बताया कि इन नौ साल के दौरान प्रदीप कच्छप नामक व्यक्ति चार-पांच बार उस घर में आया और उसके मालिक से पैसे लेकर गया़।
उसने बताया कि उसके साथ झारखंड की दो और लड़कियां पूजा व तारा भी उसके साथ ले जाई गई थी़। वापसी के समय उक्त दोनों भी उसके साथ लौटी है़ं। वापसी के लिए सरदार ने उसका हरिद्धार से दिल्ली और फिर दिल्ली से रांची तक का रेलवे का टिकट कटा दिया था तथा रास्ते के खर्च के लिए पांच हजार रुपये दिए थे।
पूरी छानबीन कर कार्रवाई की जाएगी : चेयरपर्सन
इस संबंध में सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन उपेंद्रनाथ दूबे ने बताया कि इस मामले की पूरी तहकीकात की जा रही है। मानव तस्कर प्रदीप कच्छप जेल भी जा चुका है। लेकिन बंधक बनाकर काम करनेवाले हरिद्धार के उक्त व्यक्ति का ट्रेस लिया जा रहा है, उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।