मजदूर संघ के उपाध्यक्ष बोले, हैवी लाइसेंस की प्रक्रिया कठिन होने से लाखों ट्रक चालक हो रहे बेरोजगार
ट्रक चालकों से बाहर की बड़ी कंपनियों में किसी प्रकार के वाहन चलाने के लिए ओरिजिनल हैवी लाइसेंस की मांग की जाती है। ऐसे में चालक के पास हैवी लाइसेंस नहीं होने के कारण वापस घर निराश होकर लौटना पड़ता है।
रांची, जासं। भारतीय जनता मजदूर संघ वरीय प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि एक ओर सफर के दौरान व हर शहर में लाइसेंस व अन्य पेपरों की जांच के लिए सघन अभियान चलाया जाता है। पेपर की कमी पाए जाने पर ट्रक चालकों व मोटर मालिकों से काफी मोटी रकम वसूली जाती है। वहीं दूसरी ओर ओरिजिनल हैवी लाइसेंस नई व रिन्यूअल बनाने के लिए काफी कठिन प्रक्रिया की दौड़ से गुजरना पड़ता है।
यहां तक की कई जिलों में कई वर्षों से हैवी लाइसेंस बनने की प्रक्रिया ही बंद है। इसके कारण राज्यों के लाखों ट्रक चालक बेरोजगार घर बैठे हैं। उन्हें बाहर की बड़ी कंपनियों में किसी प्रकार के वाहन चलाने के लिए ओरिजिनल हैवी लाइसेंस की मांग की जाती है। ऐसे में चालक के पास हैवी लाइसेंस नहीं होने के कारण वापस घर निराश होकर लौटना पड़ता है। सुनील कुमार सिंह ने कहा कि किसी कारणवश वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने या चालक को गंभीर चोटें या दुर्घटनाग्रस्त मौत तक होने से हैवी लाइसेंस के बगैर किसी भी इंश्योरेंस कंपनी रिस्क कवर करने की स्थिति में नहीं होती है।
इससे उनके परिवार वाले इंश्योरेंस का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने भारतीय जनता मजदूर संघ की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन से मांग की कि पूरे राज्य में नयी हैवी लाइसेंस व रिन्युअल बनाने की प्रक्रिया को आसान किया जाए, ताकि बेरोजगार वाहन चालक को रोजगार मिल सके।