वाहनों की फिटनेस में अब बिगड़ेगी जेब की सेहत
एक नवंबर से बदल जाएगी व्यवस्था, वाहन मालिकों को करना होगा 472 रुपये तक ज्यादा भुगतान
रांची, शक्ति सिंह। व्यावसायिक वाहन के मालिकों को वाहन फिटनेस के नाम पर जेब ढीली करनी होगी। अब उन्हें बड़े व्यावसायिक वाहनों के लिए 944 रुपये के बदले 1416 रुपये और थ्री व्हीलर व छोटे वाहनों के लिए 708 रुपये के बदले 944 रुपये अधिक भुगतान करना होगा। एक नवंबर से यह दर लागू होगी और वाहन फिटनेस की व्यवस्था बदल जाएगी।
जर्मन कंपनी मेसर्स टीयूवी सूद साउथ एशिया को यह जिम्मा सौंपा गया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसमें वाहन मालिकों को चूना तो लगेगा ही, साथ ही सरकार के खाते में भी कम पैसे आएंगे। अब तक सरकार खुद फिटनेस की जांच करती थी और प्रमाण पत्र देती थी। सरकार को शुल्क के रूप में बड़े व्यावसायिक वाहनों से 944 रुपये और छोटे वाहनों से 708 रुपये मिलते थे। नई व्यवस्था के लागू होते ही सरकार के खाते में सिर्फ 200 रुपये ही जाएंगे।
राज्य परिवहन आयुक्त ने रांची के एमवीआइ व डीटीओ को नई व्यवस्था से अवगत करा दिया है। व्यवस्था बदलने के साथ ही मोटरयान निरीक्षक अब फिटनेस सर्टिफिकेट पर सिर्फ मुहर मारेंगे। पूरी पड़ताल जर्मन एजेंसी करेगी। सरकार ने इसके लिए रांची के ओरमांझी में आधारभूत संरचना खड़ा करके एजेंसी को सौंप दिया है। राची में यह प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा रहा है। सफल होने पर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। व्यवस्था में खामी अनफिट वाहनों के कारण आय दिन दुर्घटनाएं होती रहती है।
दरअसल प्रदेश में एमवीआइ के अधिकांश पद खाली है एक-एक एमवीआइ के पास चार-पांच जिलों का प्रभार है। ऐसे में जांच की नई व्यवस्था बेहतर है। लेकिन लोगों को आर्थिक नुकसान वाला राज्य सरकार का यह फार्मूला समझ में नहीं आ रहा। एक नवंबर से नई दर वाहनों का फिटनेस होगा। यह व्यवस्था पुराने वाहनों पर होगा। नए वाहन का फिटनेस एमवीआइ के स्तर पर होगा।