बारिश के बीच वंदे मातरम का उद्घोष, रांची में दैनिक जागरण की तिरंगा यात्रा, हर हाथ लहराया राष्ट्रध्वज
TIRANGA YATRA In Jharkhand दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को राजधानी रांची में तिरंगा यात्रा निकाली गई। बापू वाटिका मोरहाबादी से अलबर्ट एक्का चौक तक निकली तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। जश्न-ए-आजादी का गीत गाया और शहीदों को याद किया।
रांची, जागरण संवाददाता। Dainik Jagran TIRANGA YATRA मेघाच्छन्न आकाश से रह-रहकर वर्षा हो रही थी। बापू की प्रतिमा के कदम जैसे बढऩे को आतुर थे। कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा...ऐसे मौकों पर यह गीत स्वाभाविक तौर पर याद आ जाता है। दरअसल, मौका ही ऐसा था। दैनिक जागरण के पांच दिवसीय तिरंगा यात्रा का पहला दिन था। देश के जवान, होनहार छात्र-छात्राएं और संस्था के लोग हाथ में तिरंगा लेकर सधे कदमों से आगे बढ़ रहे थे। छोटा-बड़ा तिरंगा...विशाल तिरंगा...। वंदे मातरम की अनुगूंज।
राष्ट्र को जीवंत व जाग्रत बनाए रखने का संकल्प
75 साल पहले भी रांची की सड़कों पर उत्साही क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए पहाड़ी मंदिर से लेकर शहीद चौक तक तिरंगा फहराया था। तब, भी उत्साह कम नहीं था। जेल गए, सजा काटी और कुछ की सदा-सदा के लिए सांस टूट गई, लेकिन चेहरे पर सदा तैरती और आश्वस्तकारी मुस्कान थी... कि एक दिन हमारा देश स्वतंत्र होगा...। उस घड़ी को याद करते हुए, अपने बलिदानियों के योगदान का स्मरण करते हुए जागरण ने तिरंगा यात्रा निकाली। अपनी स्वतंत्रता के प्रति, कर्म के प्रति, राष्ट्रीय उत्कर्ष के प्रति, अपने राष्ट्र के प्रति हम सदैव जाग्रत रहें...हमारा तो मूलमंत्र ही रहा है-वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता:। राष्ट्र को जीवंत और जाग्रत बनाए रखने का संकल्प हमारी चेतना में हजारों-हजार बरस से रचा-बसा है। सोते, जागते, उठते, बैठते यजुर्वेद का यह मंत्र गूंजता ही रहता है। यह तिरंगा यात्रा भी उसी का विस्तार है।
भारत माता का जयकारा भर रहा था उत्साह
स्वागत करती वर्षा की बूंदों के बीच छात्र वंदे मारतम का उद्घोष कर रहे थे। गगनभेदी भारत माता का जयकारा उत्साह भर रहा था। अनुशासित राष्ट्र प्रहरियों की टोली आगे-आगे नेतृत्व प्रदान करती चल रही थी। 40वीं वाहिनी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, साईं नाथ यूनिवर्सिटी के छात्र, राष्ट्रीय युवा शक्ति के नौजवान, मनन विद्या मनरखन महतो स्कूल के छात्र संग-संग हर समुदाय के लोग आगे बढ़ते जा रहे थे। न जोश की कमी, न उत्साह की, न कदमों के थकने की चिंता....। वैसे भी, जब वंदे मातरम और भारत माता का जयकारा लगता है तो निष्प्राण शरीर में भी प्राण का संचार हो जाता है और स्फूर्ति आ जाती है। लहराता हुआ विजयी विश्व तिरंगा रेडियम रोड, कचहरी चौक, कचहरी रोड, शहीद चौक से होते हुए 1971 के वीर बलिदानी अल्बर्ट एक्का चौक पर आकर विराम लिया।
रांची में दैनिक जागरण की तिरंगा यात्रा में शामिल शहर के नागरिक pic.twitter.com/Bjrt90IWPo— Shekhar (@Shekhar85215016) August 10, 2022