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कुलपति से कॉन्ट्रैक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर की वार्ता विफल, कार्य बहिष्कार जारी Ranchi News

Jharkhand News शिक्षक खुद को शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्य से अलग रखेंगे। एक घंटे तक चली वार्ता में बात नहीं बनी। कुलपति प्रो. रमेश पांडेय ने कहा कि ऑनलाइन बिना कक्षा के कोई भी भुगतान नहीं होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 09:40 AM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 03:50 PM (IST)
कुलपति से कॉन्ट्रैक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर की वार्ता विफल, कार्य बहिष्कार जारी Ranchi News
इन्हेंं प्रति घंटी 600 रुपये मानदेय भुगतान करना था।

रांची, जासं। रांची विश्वविद्यालय अंतर्गत घंटी आधारित कान्ट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर की वार्ता बुधवार को कुलपति प्रो. रमेश पांडेय के संग विफल रही। मांगें पूरी नहीं होने पर नाराज अनुबंध शिक्षकों ने कार्य बहिष्कार आंदोलन को जारी रखने का निर्णय लिया है और उन्होंने खुद को विश्वविद्यालय या कॉलेज के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्य से अलग रखने का निर्णय लिया है।

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वहीं, एक घंटे तक चली वार्ता में शिक्षकों की मांग थी कि उन्हें कोविड कार्यकाल के दौरान प्रत्येक माह 32 हजार रुपये का भुगतान किया जाए। यानि प्रति दिन दो क्लास के आधार पर भुगतान हो। इस पर कुलपति ने इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि  ऑनलाइन बिना कक्षा के कोई भी भुगतान नहीं होगा। इसके लिए उन्हें अपने विभागाध्यक्ष और कालेज के प्राचार्य से लिखकर रिपोर्ट आगे बढ़ाना होगा, तभी उनकी मांगों को सुनेंगे। सिर्फ कहने से मानदेय नहीं दिया जाएगा।

वार्ता कर रहे शिक्षकों ने बताया कि वह छह माह पहले हुए कक्षा का रिकार्ड कहां से लेकर आएंगे। यह संभव नहीं है और न ही प्रैक्टिकल है। उन्होंने कुलपति से मांग किया कि वह पुन: सरकार से लिखकर बताएं कि ऐसा करना संभव नहीं है। कुछ शिक्षकों का कहना था कि कुछ पाठ्यक्रम की कक्षाएं सिर्फ 40 क्लास में ही खत्म हो जाता है। ऐसे में सभी शिक्षकों को रोजाना दो-दो क्लास देना संभव नहीं है। उन्होंने विश्वविद्यालय पर आरोप लगाया कि आठ माह होने के बाद भी अब तक कोई भी  मानदेय नहीं दिया गया है,वह मुश्किलों के दौर में चल रहे हैं।

वहीं, 12.30 बजे शिक्षक अपनी मांगों को लेकर रांची विश्वविद्यालय के मुख्यालय अनुबंध पर कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर पहुंचे। करीब 70 की संख्या में शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन  किया। इसके बाद शिक्षक कुलपति से मिलने पहुंचे पर बात नहीं बनी।  यह स्थिति तब है जब गवर्नर सह चांसलर ने लॉकडाउन में किसी का वेतन नहीं रोकने का निर्देश दिया था। वहीं 3 वर्ष पहले  कॉलेज से यूनिवर्सिटी बनी डीएसएमयू द्वारा लॉकडाउन अवधि का  शिक्षकों को भुगतान नहीं दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि अनुबंध के आधार पर नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों के विरुद्ध कॉन्ट्रैक्ट पर 600 शिक्षकों की बहाली की गई थी। इन्हें प्रति घंटी 600 रुपये मानदेय भुगतान करना था। रांची यूनिवर्सिटी सहायक अध्यापक अध्यक्ष डॉ राकेश किरण महतो का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर अनुबंध शिक्षक अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे। इस मौके पर प्रति कुलपति कामिनी कुमार, कुलसचिव डॉ. अमर कुमार चौधरी, सहित अनुबंध शिक्षक उपस्थित थे।


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