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जिस विषय में शिक्षक ही नहीं, टाॅप कर रहे स्टूडेंट... सरकारी स्कूल में कैसे हुआ कमाल... अजब-गजब झारखंड की विचित्र कहानी

Unique Story Of Jharkhand यह सच्ची कहानी है झारखंड के पलामू जिले की। जिस सरकारी स्कूल में जिस विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं वहां 98 प्रतिशत परीक्षार्थी इंटर कामर्स में उतीर्ण हुए हैं। जिला टॉपर हुए हैं। आखिर यह सब कैसे संभव हुआ आइए जानते हैं यहां।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 07:31 PM (IST)
जिस विषय में शिक्षक ही नहीं, टाॅप कर रहे स्टूडेंट... सरकारी स्कूल में कैसे हुआ कमाल... अजब-गजब झारखंड की विचित्र कहानी
Jharkhand Unique Story: जिस विषय में शिक्षक ही नहीं, टाॅप कर रहे स्टूडेंट... सरकारी स्कूल में कैसे हुआ कमाल

पलामू, {तौहीद रब्बानी}। हौसला हो तो आंधियों में भी चिराग जलते हैं वाली कवाहत स्थानीय गिरिवर इंटर प्लस टू उच्च विद्यालय प्रबंधन व विद्यार्थी साकार करते नजर आ रहे हैं। बावजूद शिक्षा विभाग व सरकार उदासीनता की सीमा पार कर चुकी है। इस विद्यालय में 30 जून 2022 को झारखंड एकेडमिक कांसिल संचालित इंटर कामर्स का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ। इस परीक्षा में इस विद्यालय की छात्रा प्रिया कुमारी राज्य में छठा स्थान प्राप्त कर पलामू जिला की टापर बनी। इन्हें 94.4 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ। लवली कुमारी मिश्रा ने 91. 4 प्रतिशत अंक हासिल कर जिला में 5वां स्थान प्राप्त किया। इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम 98 प्रतिशत रहा।

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इस परीक्षा में सफलता पर विद्यालय परिवार व सफल बच्चों के स्वजन हर्षित हैं। इस परीक्षा परिणाम को जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम विद्यालय पहुंची। यहां पता चला कि इंटर कामर्स में एक भी शिक्षक पदस्थापित नहीं हुई हैं। इस बार की परीक्षा में 50 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसमें 42 परीक्षार्थियों ने प्रथम श्रेणी, चार छात्रों ने द्वितीय श्रेणी से परीक्षा उतीर्ण की। दो अनुपस्थित थे और दो छात्र असफल रहे। बताया गया कि विद्यालय प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्यालय में पठन-पाठन कार्य का संचालन करता है।

उधार के शिक्षकों से पढ़ाई करते हैं विद्यार्थी

इस विद्यालय में आर्ट्स में पदस्थापित शिक्षकों से इंटर कामर्स के विद्यार्थियों को बढ़ाया जाता है। इंटर आर्ट्स में पदस्थापित शिक्षक इंटर कामर्स के छात्रों को पढ़ाते हैं। इनमें राकेश कुमार अर्थशास्त्र और भूगोल, शाहिद अख्तर अंग्रेजी, संतोष कुमार व्यवासयिक गणित पढ़ाते हैं। एकाउंटस विषय के लिए विद्यार्थियों को बाहरी ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता।

प्रबंधन के लिए कामर्स कक्षा संचालन बड़ी चुनौती

विद्यालय प्रबंधन के समक्ष इंटर कामर्स में अध्यनरत विद्यार्थियों को पढ़ाना आज भी चुनौती से कम नहीं है। सरकार ने बार-बार मांग करने के बावजूद इस प्लस टू उच्च विद्यालय में आज तक इंटर कार्मस के शिक्षकों की पदस्थापना नहीं की हैं। इस बाबत विद्यालय के प्राचार्य नीरज कुमार द्विवेदी व कार्मस विभाग के प्रभारी मो.शाहिद ने प्रिया की राज्यस्तरीय सफलता समेत विद्यालय के बेहतर परिणाम पर प्रसन्नता जाहिर की।

1933 में इस विद्यालय की हुई थी स्थापना

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर शहर के कोयल नदी तट स्थित गिरिवर उच्च विद्यालय की स्थापना 1933 में राजा बहादुर गिरिवर नारायण प्रसाद सिंह ने की थी। 9 दिसंबर 1936 को प्रस्वीकृति मिली। आजादी के तुरंत बाद 13 अक्टूबर 1947 काे इस विद्यालय को पूर्ण प्रस्तावीकृत किया गया। अलग झारखंड राज्य बनने के बाद इसे प्लस टू उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया।

तत्काल घंटी आधारित शिक्षक की मांग

गिरिवर प्लस टू उच्च विद्यालय के प्राचार्य नीरज कुमार द्विवेदी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि शिक्षकों के स्वीकृत पद के विरूद्ध पदस्थापना हो। जरूरत के तहत घंटी आधारित शिक्षकों की व्यवस्था हो। इससे छात्रों को नियमित शिक्षा मिल सकेगी।


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