दूसरे पत्र ने उलझाया, प्रथम ने दी राहत
रांची : राजधानी रांची में रविवार को 44 केंद्रों पर सीबीएसई द्वारा आयोजित यूजीसी नेट परीक्षा हुई।
रांची : राजधानी रांची में रविवार को 44 केंद्रों पर सीबीएसई द्वारा आयोजित यूजीसी नेट परीक्षा हुई। परीक्षा में 30 हजार परीक्षार्थियों को भाग लेना था। इनमें 75 प्रतिशत ही उपस्थिति रही। नेट के सिटी को-आर्डिनेटर सह डीएवी के क्षेत्रीय निदेशक एमके सिन्हा ने बताया कि परीक्षा शांतिपूर्ण रही। कहीं से छात्रों के निष्कासन की सूचना नहीं है। परीक्षार्थियों के अनुसार प्रथम पेपर के प्रश्न स्तरीय जबकि दूसरे पेपर के प्रश्न कठिन थे। छात्रों का कहना था कि जब तीन पत्रों की परीक्षा होती थी तो उसमें विषय आधारित दूसरा पत्र आसान जबकि तीसरा पत्र कठिन होता था। लेकिन पहली बार दो पत्रों की हुई परीक्षा में दूसरा पत्र काफी कठिन था। वीमेंस कॉलेज सेंटर से परीक्षा देकर निकले परीक्षार्थियों ने कहा कि दूसरे पत्र का प्रश्न 15 मिनट विलंब से दिया गया। झारखंड से संबंधित भी पूछे गए थे सवाल
परीक्षा में झारखंड से पर्व-त्योहार व जनजातीय समुदाय से भी प्रश्न थे। जनजातीय भाषा के प्रश्नपत्र में एक प्रश्न थे- मदरा मुंडा और फणि मुकुट राय की लोककथा किस प्रकार की कथा थी। प्रथम पत्र में अर्थव्यवस्था व प्रौद्योगिकी के व्यापक अनुप्रयोग से संबंधित गद्दांश देकर पांच प्रश्न पूछे गए थे। कथन व तर्क से संबंधित तीन, समुच्चय व कूट तथा कंप्यूटर से दो-दो प्रश्न थे। डाटा इंटरप्रेटेशन से भी एक प्रश्न थे। रीजनिंग में ब्लड रिलेशन से प्रश्न पूछे गए। शोध से संबंधित तीन प्रश्न थे, जिनमें एक प्रधानमंत्री शोध फेलोशिप से था। प्रथम पत्र में टीचिंग एप्टीट्यूड से पूछे गए कुछ प्रश्न कठिन थे। घूम-घूम कर लिया जायजा
प्रथम पाली की परीक्षा सुबह 9.30 से 10:30 बजे और दूसरी पाली 11 से एक बजे तक हुई। इस बीच परीक्षार्थियों को बाहर नहीं निकलना था। परीक्षा के सफल संचालन के लिए सीबीएसई ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर 60 पर्यवेक्षक तैनात किए थे। इसके अलावा सीबीएसई से पहुंचे 15 अधिकारियों ने सभी केंद्रों पर घूम-घूम कर परीक्षा संचालन का जायजा लिया। प्रशासन ने भी केंद्रों का निरीक्षण किया। क्वाइलिफाई के लिए चाहिए 40 प्रतिशत
पहले पत्र में 50 प्रश्न पूछे गए थे। प्रत्येक प्रश्न के लिए दो-दो अंक थे। इसी तरह द्वितीय पत्र में 100 प्रश्नों के लिए 200 अंक निर्धारित थे। यानी कुल 300 अंकों की परीक्षा हुई। प्रथम पत्र में क्वाइलिफाई करने के लिए 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है। एससी व एसटी के लिए 35 प्रतिशत अंक चाहिए। पहचानपत्र नहीं था तो आवेदन लिखने के बाद मिला प्रवेश
परीक्षा केंद्र पर सुबह 7:30 बजे से ही परीक्षार्थी जुटने लगे थे। केंद्र पर कड़ी जांच के बाद परीक्षार्थियों को प्रवेश कराया जा रहा था। सभी सेंटर के प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर लगाया गया था। ब्लैक या ब्लू बॉल प्वाइंट पेन विद्यार्थी को स्वयं लाना था। घड़ी ले जाने की अनुमति नहीं थी। सीबीएसई ने सभी रूम व सेंटर के मुख्य द्वार पर पहले से ही घड़ी लगवा दिया था। डीएसपीएमयू में कुछ परीक्षार्थी पहचानपत्र नहीं लाए थे। इन्हें सीबीएसई के नाम से एक आवेदन लिखवाने के बाद प्रवेश दिया गया।