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सीओ पर हमले के मामले में विधायक अमित महतो को दो वर्ष की कैद, खत्म होगी विधानसभा की सदस्यता

सीओ पर हमले के मामले में झामुमो विधायक अमित महतो सहित आठ दोषियों को कोर्ट ने दो-दो वर्ष की सजा सुनाई।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 08:40 PM (IST)
सीओ पर हमले के मामले में विधायक अमित महतो को दो वर्ष की कैद, खत्म होगी विधानसभा की सदस्यता
सीओ पर हमले के मामले में विधायक अमित महतो को दो वर्ष की कैद, खत्म होगी विधानसभा की सदस्यता

जागरण संवाददाता, रांची। सोनाहातू के तत्कालीन सीओ आलोक कुमार पर जानलेवा हमले के मामले में अपर न्यायायुक्त दिवाकर पांडेय की अदालत ने शुक्रवार को सिल्ली से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक अमित महतो सहित आठ दोषियों को दो-दो वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई है। साथ ही, 45-45 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्तों को 14 माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। अदालत ने सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार के साथ मारपीट व गाली-गलौज करने, सरकारी काम-काज में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य धाराओं में दोषी पाकर सजा सुनाई। दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद अब विधायक अमित महतो की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाएगी।

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इससे कुछ दिनों पूर्व तीन साल की सजा सुनाए जाने के कारण झामुमो के विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो की विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई थी। इसी विधानसभा के कार्यकाल में सजा सुनाए जाने के कारण लोहरदगा से आजसू के विधायक कमल किशोर भगत की विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी, इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस से सुखदेव भगत विधायक बने। अमित महतो पिछले विधानसभा चुनाव में दिग्गज नेता आजसू सुप्रीमो व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो को हरा विधायक बने थे। सजा सुनाए जाने के बाद अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

साथ-साथ चलेंगी सजाएं

अदालत ने गाली-गलौज करने से संबंधित धारा में दोषी पाकर अमित महतो को सबसे अधिक दो वर्ष की सजा सुनाई। अदालत ने भादवि की अलग-अलग छह धारा में दोषी पाकर सभी को सजा सुनाई। सारी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

नौ को बहस पूरी, 23 को आया फैसला

अदालत ने नौ मार्च को बचाव की ओर से बहस पूरी करने के बाद फैसले के लिए 23 मार्च की तिथि निर्धारित की थी। अमित महतो सहित जिन दोषियों को सजा सुनाई गई, उसमें वीरेंद्र महतो, पंचानंद सिंह मुंडा, मंजीत कुमार साहू, शिशिर कुमार महतो, कामेश्र्वर महतो, नंद किशोर महतो और कृष्णा मुंडा शामिल हैं। मामले में दस लोगों को आरोपित किया गया था। वर्तमान में आठ अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे थे। अदालत में अभियोजन की ओर से एडिशनल लोक अभियोजक अशोक कुमार राय ने पक्ष रखा। उन्होंने अभियोजन की ओर से अदालत में आठ लोगों की गवाही दर्ज कराई। वहीं बचाव की ओर से अधिवक्ता सुनील कुमार ने 14 लोगों की गवाही अदालत में दर्ज कराई।

28 जून, 2006 को सोनाहातू थाने में दर्ज हुई थी प्राथमिकी :

आरोपितों के खिलाफ 28 जून 2006 को अंचल कार्यालय में घुसकर लाठी, चाकू, फरसा, तीर-धनुष से लैस होकर मारपीट करने का आरोप लगा था। इसमें सीओ बाल-बाल बचे थे। साथ ही सीओ की गाड़ी और कार्यालय को भी क्षति पहुंचाया गया था। तत्कालीन सीओ आलोक कुमार ने अमित महतो सहित अन्य के खिलाफ सोनाहातू थाना कांड संख्या 42/06 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले की जांच अनुसंधान पदाधिकारी योग्य नारायण तिवारी ने की। जांच के बाद उन्होंने 30 सितंबर 2008 को अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद अभियुक्तों के खिलाफ छह जुलाई 2015 को चार्ज फ्रेम किया गया था।

जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 (3) के तहत अयोग्य होंगे अमित महतो

विधायक अमित महतो को निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही वो विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो गए हैं। हालांकि उनकी सदस्यता रद करने का आदेश स्पीकर द्वारा दिया जाएगा। दरअसल, लिली थॉमस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया था जिसमें कहा गया है कि अगर किसी भी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो वह जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 (3) के तहत अयोग्य हो जाता है और उसकी सदस्यता रद कर दी जाती है।

मुझे फंसाया गयाः अमित महतो

कोर्ट में फैसला सुनने जाने के पहले विधायक अमित महतो ने कहा था कि मुझे फंसाया गया है। कोर्ट पर भरोसा है हमें न्याय मिलेगा। मैं वैसा कोई अपराध नहीं किया, जिसका मुकदमा लड़ रहा हूं।

इन विधायकों की जा चुकी है सदस्यता

-इससे पहले तीन साल की सजा सुनाए जाने पर विधायक योगेंद्र प्रसाद महतो की विधानसभा की सदस्‍यता खत्‍म हो चुकी है।

-इसी तरह के मामले में लोहरदगा से आजसू विधायक रहे कमल किशोर भगत की भी विधानसभा की सदस्‍यता भी जा चुकी है। 


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