बसों में तय संख्या से दो गुना यात्री, फिर भी वसूल रहे स्पेशल का भाड़ा
रांची में सिटी बसों के परिचान की आज्ञा दे दी गई। कोरोना संक्रमण काल में जिला प्रशासन के द्वारा बसों में यात्रियों की तय संख्या से आधे यात्रियों के साथ बसों को चलाना था। ऐसे में किराया बढ़ा दिया गया। मगर अब बसें फूल कैपेसिटी के साथ चल रही हैं।
रांची, जासं। रांची में अनलाक की प्रक्रिया में लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा सिटी बसों के परिचान की आज्ञा दे दी गई। कोरोना संक्रमण काल में जिला प्रशासन के द्वारा बसों में यात्रियों की तय संख्या से आधे यात्रियों के साथ बसों को चलाना था। ऐसे में किराया बढ़ा दिया गया। मगर अब बसें फूल कैपेसिटी के साथ चल रही हैं। इसके बाद भी यात्रियों से स्पेशल किराया वसूला जा रहा है।
इससे दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। झारखंड यात्री संघ ने इसका विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष प्रेम मित्तल ने बताया कि रांची में चल रही सिटी बस में बस संचालकों द्वारा मनमानी किराया लिए जाने की शिकायत बराबर मिल रही है। इसके बारे में संघ की तरफ से सोमवार को रांची के सिटी मैनेजर, आपरेशन इंचार्ज व अन्य संबंधित अधिकारियों से बात की। उन्होंने बसों में वसूले जा रहे अतिरिक्त किराये पर तुरंत लगाम लगाने की मांग की।
प्रेम मित्तल ने कहा कि सिटी बसों में यात्रा करने वाले ज्यादातर लोग मध्य वर्ग या निम्न वर्ग के होते हैं। ऐसे लोगों के लिए दिन के पांच रूपये की बचत मायने रखती है। मेन रोड की दुकानों में सैकड़ों लोग काम करने के लिए आते हैं जिनकी सैलरी कम होती है। रांची के सिटी बसों में सात किमी तक की यात्रा के लिए पांच रुपये भाड़ा निर्धारित किया गया है।
जबकि कोरोना काल के बाद बस शुरू होने पर दस रुपये किराया वसूला जा रहा है। ऐसे लोगों के बारे में नगर निगम को सोचना चाहिए। निगम के अधिकारियों ने इस बारे में जल्द की निर्णय लेने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि शीघ्र की झारखंड यात्री संघ का एक प्रतिनिधिमंडल नगर आयुक्त से मिलेगा और शहर में सार्वजनिक परिवहन के संदर्भ में वार्ता करके ज्ञापन देगा।