एसपीओ की हत्या मामले में दो इंस्पेक्टर सस्पेंड
एसपीओ हत्या में ठेके का विवाद आ रहा सामने
जागरण संवाददाता, रांची : सीएम आवास के पास बेखौफ अपराधियों द्वारा शुक्रवार को एसपीओ बुधु दास की हत्या मामले में दो इंस्पेक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें गोंदा थानेदार इंस्पेक्टर अनिल कुमार द्विवेदी और गोंदा के ट्रैफिक इंस्पेक्टर शांता प्रसाद शामिल हैं। इनकी जगह पर पुलिस लाइन में पदस्थापित सपन कुमार महथा को गोंदा थाना प्रभारी बनाया गया है। वहीं नवल किशोर प्रसाद को गोंदा ट्रैफिक इंस्पेक्टर बनाया गया है। इससे संबंधित आदेश रांची रेंज के डीआइजी एवी होमकर ने जारी कर दिया है। इंस्पेक्टर अनिल कुमार द्विवेदी और शांता प्रसाद पर क्राइम कंट्रोल में लापरवाही और निष्क्रियता के आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ एसएसपी अनीश गुप्ता ने डीआइजी को जांच रिपोर्ट दी। इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। ------------
बबलू कुम्हार को माना जा रहा हत्या का सूत्रधार सीएम आवास के सामने एसपीओ बुधु दास की गोली मारकर हत्या मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। अब तक डेढ़ दर्जन लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। फिलहाल पुलिस मान रही है कि बुधु के चिर प्रतिद्वंद्वी रहे बबलू कुम्हार हत्या का साजिशकर्ता है।
सूत्रों के मुताबिक बुधु की हत्या के लिए कुख्यात अपराधी सोनू इमरोज के गुर्गो को सुपारी दी गई थी। इसके तार सीधे पूर्व नक्सली धनंजय से जुड़ रहे हैं। इसकी प्लानिंग में धनंजय और टुन्नू की भूमिका सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि मार्च 2015 को लोअर बाजार थाने से धनंजय जेल भेजा गया था। जेल में धनंजय की दोस्ती सोनू इमरोज से हुई थी। टुन्नू भी सोनू से संबंध रखता है। ---------
बबलू के बदले बुंडू नगर अध्यक्ष पर हमला भी घटना की कड़ी
31 मई 2018 को बुंडू नगर अध्यक्ष राजेश उरांव पर गोलीबारी हुई थी। इसमें खुलासा हुआ था कि अपराधी राजेश को नहीं बल्कि बबलू कुम्हार की हत्या करने पहुंचे थे। इस हमले का सूत्रधार बबलू बुधु दास को मान रहा था। उस समय बुधु के खिलाफ लिखित आवेदन देकर पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की थी। यह घटना भी बुधु की हत्या के खुलासे के लिए कड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
शूटरों को तलाश रही पुलिस इस हत्या के मामले में पुलिस उन तीन शूटरों को तलाश रही है, जिन्होंने बेखौफ बुधु की गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस उनकी तलाश के लिए कॉल डंपिंग और सीडीआर की मदद ले रही है। तकनीकी जांच में बबलू, टुन्नू और धनंजय की भूमिका की तलाश है। जांच पूरी होते ही पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा। दो साल से चल रही थी बुधु और बबलू की अदावत पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले दो वर्षो से बुधु और बबलू कुम्हार के बीच खूनी अदावत चल रही थी। वर्ष 2017 में बबलू की पत्नी एक मुस्लिम युवक के साथ भाग गई थी। इस मामले में बुधु दास और उसके करीबी सूरज उरांव पर भगाने का मामला बुंडू थाने में दर्ज कराया था। उस समय पत्नी को वह छुड़ाकर ले आया था। उस समय बबलू के भाई भज्जू कुम्हार की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का सूत्रधार बबलू बुधु को मानकर चल रहा था। इसी वजह से बुधु से खूनी अदावत चल रही थी। इसी बीच पिछले वर्ष बंडू बस स्टैंड से टोकन काटने का ठेंका सूरज के साथ बुधु ले फिर से लिया था। जबकि वह ठेंका बबलू करना चाहता था। इसे लेकर विवाद चल रहा था। पत्नी के सामने भी बबलू ने बुधु को धमकी दे चुका था। पुलिस इन बिंदुओं पर जांच कर रही है।
पुलिस का मानना है कि इस हत्या में बबलू के अलावा उसके साथ काम करने वाले टुन्नू खान और एसपीओ रहे नक्सली धनंजय मुंडा के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी। इसमें बुंडू के स्थानीय नेता कृष्णा प्रमाणिक, संतोष पाठक बलराम मुंडा की संलिप्तता भी सामने आ रही है। कृष्णा और संतोष पाठक को भी हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। -------
बुधु को बस स्टैंड ठेका छोड़ने की दी थी धमकी
पुलिस सूत्रों के अनुसार धनंजय ने बुंडू बस स्टैंड का ठेंका छोड़ने की धमकी दी थी। धनंजय मुंडा पहले कुंदन पाहन के दस्ते का नक्सली था। वर्ष 2008 में धनंजय ने आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद एसपीओ बनाया गया था। इसके वह माओवादियों के खिलाफ पुलिस के ब?े मददगार के तौर पर उभरा था। पुलिस ने धनंजय मुंडा को एसपीओ भी बनाया था। वह राची के दो पूर्व एसएसपी का करीबी भी रहा था। --- कोट ---
'सोनू इमरोज से जुड़े शूटरों द्वारा घटना को अंजाम देने की बिंदू पर जांच चल रही है। अभी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। हत्या में कौन शामिल थे उनकी पहचान की जा रही है।'
अनीश गुप्ता, एसएसपी रांची।