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Jharkhand News: कंपनी कमांडर के कहने पर आवंटित कर दिया फर्जी सिपाही नंबर, दो और गृह रक्षक अरेस्ट; विभाग में मचा हड़कंप

झारखंड में गृह रक्षा वाहिनी में अनियमितता का मामला सामने आया है। डीजी अनिल पाल्टा के आदेश पर चल रही जांच में दो और गृह रक्षक पकड़े गए हैं जिनमें रामजी यादव और अजित महतो शामिल हैं। इन्होंने फर्जी सिपाही नंबर आवंटित करने और जाली कागजात तैयार करने की बात स्वीकार की है। यह मामला फर्जीवाड़ा और जालसाजी से जुड़ा हुआ है।

By Dilip Kumar Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 02 Oct 2024 08:11 PM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

राज्य ब्यूरो, रांची। गृह रक्षा वाहिनी झारखंड में लगातार अनियमितता उजागर हो रहा है। डीजी अनिल पाल्टा के आदेश पर चल रही विभागीय जांच के दौरान बुधवार को दो और गृह रक्षक पकड़े गए हैं।

इनमें गढ़वा जिला में तैनात रामजी यादव व रांची जिला का अजित महतो शामिल हैं। दोनों गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय रांची में कार्यरत थे। रांची के जिला समादेष्टा कौशिक कुमार की पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया है कि वे पूर्व कंपनी कमांडर कैलाश यादव के अधीन काम करते थे।

कंपनी कमांडर के कहने पर ही वे फर्जी सिपाही नंबर आवंटित करते थे और जाली कागजात तैयार कर आम आदमी को गृह रक्षक बनाकर उनसे काम लेते थे। फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद गृह रक्षा वाहिनी मुख्यालय ने दोनों को पकड़कर रांची के धुर्वा थाने के अनुसंधानकर्ता को सौंप दिया।

इस पूरे प्रकरण में धुर्वा थाने में पिछले महीने प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें पूर्व में कंपनी कमांडर कैलाश यादव सहित सात पर जालसाजी के आरोप लग चुके हैं। इस प्रकार अब तक इस केस में बुधवार को गिरफ्तार दोनों आरोपितों सहित कुल नौ आरोपितों पर जालसाजी का आरोप लगा है।

पूर्व में जिन सात को आरोपित किया गया था, उनमें कंपनी कमांडर कैलाश यादव के अलावा फर्जी गृह रक्षक अशोक टोप्पो, नौशाद कादरी, आरिफ अंसारी, आसिफ अंसारी, निशार अहमद व जगदीप टोप्पो शामिल हैं।

जांच में यह तथ्य भी उजागर हो चुका है कि फर्जी गृह रक्षकों को हथियार देकर लोकसभा चुनाव में ड्यूटी भी ली जा चुकी है।

कंपनी कमांडर कैलाश यादव फर्जीवाड़े के एवज में देता था रुपये

अब तक की पूछताछ में गिरफ्तार रामजी यादव व अजित महतो ने बताया है कि फर्जीवाड़ा करने के लिए कंपनी कमांडर कैलाश यादव गुप्त तरीके से एक कमरे में बुलाता था। वह आम आदमी को गृह रक्षक के रूप में नामित करने व फर्जी सिपाही नंबर आवंटित करने के लिए कहता था। '

इसके एवज में उन्हें रुपये भी देता था। वह कितने रुपये देता था, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। पूर्व में जितने आरोपितों के नाम उजागर हुए हैं, उनके कागजात में इन्हीं दोनों ने फर्जीवाड़ा किया था। जांच टीम ने दोनों के हस्ताक्षर का मिलान भी कर लिया है। दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया है।

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