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झारखंड में जल्द होगा बीस सूत्री और निगरानी कमेटियों का गठन

Jharkhand Political Update राज्य में जिला और प्रखंड स्तर पर बीस सूत्री और निगरानी कमेटियों का गठन जल्द होगा। इस संबंध में मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्री आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव ने मुलाकात की।

By Vikram GiriEdited By: Published: Wed, 30 Jun 2021 12:02 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jun 2021 12:02 PM (IST)
झारखंड में जल्द होगा बीस सूत्री और निगरानी कमेटियों का गठन
झारखंड में जल्द होगा बीस सूत्री और निगरानी कमेटियों का गठन। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में जिला और प्रखंड स्तर पर बीस सूत्री और निगरानी कमेटियों का गठन जल्द होगा। इस संबंध में मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्री आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव ने मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने बीस सूत्री और निगरानी कमेटी गठित करने के मसले पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ विमर्श किया। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की ओर से इस संबंध में अनुशंसा के लिए एक कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से भी वरीय नेताओं की कमेटी गठित कर इस संबंध में अनुशंसा ली जाएगी।

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गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह बोर्ड और निगरानी समितियों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूर्व में विमर्श कर चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर और केशव महतो कमेटी की एक कमेटी अनुशंसा के लिए गठित की थी। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि बीस सूत्री और निगरानी समितियों में निष्ठावान कार्यकर्ताओं को जगह दी जाएगी। इनकी बदौलत राज्य में महागठबंधन की सरकार है। इस संबंध में ध्यान आकृष्ट कराया गया है। इन कमेटियों का गठन होने से राज्य सरकार की योजनाओं की मानिटरिंग हो पाएगी, जिससे विकास की गति और तेज होगी।

संतुलन का रखा जाएगा ख्याल

बीस सूत्री और निगरानी कमेटियों के गठन में दलों के बीच आपसी संतुलन का ख्याल रखा जाएगा। जिस जिले में बीस सूत्री का प्रभारी मंत्री जिस पार्टी का होगा, वहां सहयोगी दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ता कमेटी में रहेंगे। राज्य सरकार के सभी मंत्रियों को जिलों की अलग-अलग जिम्मेदारी पूर्व में सौंपी जा चुकी है। इसी प्रकार सहयोगी दलों के बीच विधानसभा क्षेत्रों में भी तारतम्य स्थापित किया जाएगा। आपसी सहमति से जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।


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