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छाती की पसली में कैंसर के कारण बन गया था ट्यूमर, ऑपरेशन कर निकाला

रांची रिम्स के कैंसर विभाग में औरंगाबाद की रहने वाली 26 वर्षीय मरीज पिंकी का ऑपरेशन कर ट्यूमर निकाला गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 06:32 AM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:32 AM (IST)
छाती की पसली में कैंसर के कारण बन गया था ट्यूमर, ऑपरेशन कर निकाला
छाती की पसली में कैंसर के कारण बन गया था ट्यूमर, ऑपरेशन कर निकाला

जागरण संवाददाता, रांची : रिम्स के कैंसर विभाग में औरंगाबाद की रहने वाली 26 वर्षीय मरीज पिंकी देवी की बायीं ओर चेस्ट वॉल (छाती की पसली) में कैंसर हो चुका था। इसे मेडिकल भाषा में इविंग सारकोमा कहते है। रिम्स के सर्जिकल ऑकोलॉजिस्ट डॉ. रोहित झा ने बताया कि इविंग सरकोमा एक तरह का ट्यूमर है जो हड्डी या नरम ऊतक में बनता है। उन्होंने बताया कि मरीज जब रिम्स में भर्ती हुई तब उसकी छाती का यह ट्यूमर 15 सेमी/10 सेमी का था। वह काफी गंभीर में रिम्स के कैंसर विभाग पहुंची थी। डॉ. रोहित ने बताया कि ट्यूमर उसके छाती की पसली को पकड़ा हुआ था। जांच के बाद मरीज को दवाएं दी गई। कोई सुधार नहीं होने की स्थिति में ट्यूमर को पहले कीमोथेरेपी से छोटा किया गया। जिसके बाद मरीज की स्थिति देखते हुए बीते शुक्रवार को उसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद उसके चेस्ट वॉल की पसली (रिब) को निकाला गया। ट्यूमर के कारण पिंकी देवी के तीन रिब 5, 6 व 7 निकाले गए। वहीं रिब निकालने के बाद उसे प्लास्टिक सर्जन डॉ. गौरव की मदद से पुनर्निर्माण किया गया। डॉ. रोहित के अनुसार ऑपरेशन के बाद अब मरीज की स्थिति पहले से काफी बेहतर है। एक दो दिनों में उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। वहीं ऑपरेशन टीम में रिम्स के सर्जिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. रोहित, डॉ. अजित, एनेस्थेटिस्ट डॉ. भारती, डॉ. निरूल व अन्य शामिल थे।

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रिम्स ने मुख्य सचिव को नहीं कराई रिपोर्ट उपलब्ध, निदेशक से जवाब तलब

दैनिक अखबारों में छपी खबरों के मामले में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा रिम्स प्रबंधन को रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इसमें रिम्स प्रबंधन को कोई रुचि नहीं है। बीते तीन महीने में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा रिम्स से जुड़े 25 मामले में रिपोर्ट तलब की गई थी। जबकि प्रबंधन ने समय सीमा के अंदर इसे मुख्य सचिव कार्यालय को नहीं सौंपा। रिपोर्ट नहीं मिलने पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने 17 जनवरी को रिम्स निदेशक को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से रिम्स से संबंधित अखबारों में छपी खबर के आधार पर प्रतिवेदन मागा गया था। लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि रिम्स प्रबंधन ने इस प्रकार के महत्वपूर्ण मामलों में की गई कार्रवाई से विभाग को अवगत नहीं कराया। स्वास्थ्य सचिव ने इस सभी मामलों में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट सात दिनों के अंदर विभाग को भेजने का निर्देश भी दिया है, ताकि मुख्य सचिव कार्यालय को अवगत कराया जा सके।

दैनिक जागरण में छपी खबर की भी जिक्र

स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने रिम्स प्रबंधन को भेजे गए पत्र में दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित खबर डेंगू पीड़ित मरीज बाहर से खरीद रहे दवाएं, रिम्स के डॉक्टरों पर मंत्री ने लगाई रोक, रेडियोलॉजी विभाग में धूल फांक रही 12 करोड़ की मशीन समेत अन्य खबरें शामिल हैं।


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