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शांति समिति की आड़ में उग्रवादी कर रहे करोड़ों की उगाही

शांति सह संचालन समिति की आड़ में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादी करोड़ों की अवैध वसूली कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Wed, 30 May 2018 08:20 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 12:32 PM (IST)
शांति समिति की आड़ में उग्रवादी कर रहे करोड़ों की उगाही
शांति समिति की आड़ में उग्रवादी कर रहे करोड़ों की उगाही

रांची, जेएनएन। चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से शांति सह संचालन समिति की आड़ में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादी करोड़ों की अवैध वसूली कर रहे हैं। इसका खुलासा खुफिया विभाग की उस जांच रिपोर्ट से हुआ है, जिसे विभाग ने हाल ही में पुलिस मुख्यालय को सौंपा है।

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रिपोर्ट के अनुसार टंडवा थाना क्षेत्र में मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना के लिए पांच गांव होन्हे, कुमरांग खुर्द, कुमरांग कला, अडसू व विंगलात के ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया गया। उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया था, जिसके कारण ग्रामीण कोयला परियोजना को शुरू नहीं होने दे रहे थे। सीसीएल ने ने स्थानीय लोगों से मध्यस्थता के लिए अपने विभागीय चालक सुभान मियां (टंडवा थाना क्षेत्र के कमता निवासी) को सामने किया। सुभान मियां उर्फ सहबान मियां पूर्व में भाकपा (माओवादी) संगठन के सशस्त्र दस्ते का कार्यकर्ता था। उसपर लातेहार के बालूमाथ थाने में तथा चतरा के सिमरिया थाने में नामजद प्राथमिकी भी दर्ज है।

पुलिस की दबिश के चलते माओवादियों का संगठन छोड़कर 10-12 वर्ष पूर्व सीसीएल में चालक के रूप में काम करने लगा। सीसीएल के अधिकारी सुभान मियां के अपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए ही ग्रामीणों से मध्यस्थता के लिए इस्तेमाल किया। सुभान मियां की असलीयत जानने के बाद ग्रामीण इसका विरोध कर दिए तो सीसीएल सुभान मियां को एनके एरिया पिपरवार क्षेत्र में भेज दिया। वहां सुभान मियां टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के मुकेश गंझू और भीखन गंझू के साथ संपर्क स्थापित कर सीसीएल के लिए काम किया। 2013 तक बंद रही दोनों परियोजनाएं, फिर आया टीएसपीसी ग्रामीणों के विरोध के कारण 2013 तक मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से खनन कार्य बंद था। इसके बाद सीसीएल के एक अधिकारी व सुभान मियां मिलकर टंडवा के होन्हे गांव निवासी बिंदू गंझू को टीएसपीसी के उग्रवादी रिजनल कमांडर आक्रमण गंझू से मिलवाए।

तब तक बिंदू एक सामान्य व्यक्ति था। लालच में बिंदू आ गया और ग्रामीणों के मंटू सिंह गुट से अलग हो गया। उसने आम्रपाली क्षेत्र के दो गांव विंगलात व होन्हे को अलग कर ग्रामीणों को सीसीएल के लिए एकजुट कर लिया। जबकि, तीन गांव कुमरांग खुर्द, कुमरांग कला व उडसू अब भी मंटू सिंह के साथ सीसीएल का विरोध कर रहा था। उनकी सहमति के बगैर सीसीएल का खनन नहीं हो सकता था। इन गांवों में टीएसपीसी सक्रिय हो गया। इस उग्रवादी संगठन के सदस्य गांव में घूमने लगे। गांवों में भय का माहौल बनवा दिया। इनके नेता मंटू सिंह को धमकियां मिलने लगीं। ग्रामीण व टीएसपीसी की बैठक होने लगी। अंतत: चार फरवरी 2014 को प्रशासनिक पदाधिकारी चतरा के आग्रह पर सीसीएल के पक्ष में मंटू सिंह भी अपनी सहमति दे दिए। कोयला खनन शुरू हो गया। सितंबर 2014 में टंडवा के अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में शांति सह संचालन समिति का गठन हुआ, जिसमें पांचों गांव की अपनी-अपनी समिति बनी।

टंडवा के पांच गांवों की शांति सह संचालन समिति व उसके सदस्य
- होन्हे :
बिंदु गंझू उर्फ गुड्डू, उमेश प्रसाद यादव, उमेश यादव, हुलास यादव, सुभाष राम, त्रिवेणी यादव व राजेश सिंह।
- कुमरांग खुर्द : विजय साहू, रघुवीर साहू, आदित्य कुमार साहू, लखन प्रसाद साहू, संतोष यादव, सुरेंद्र प्रसाद साहू, दिनेश्वर साहू।
- कुमरांग कला : प्रेम विकास उर्फ मंटू सिंह, अमलेश कुमार दास, अरविंद कुमार, आशीष कुमार चौधरी, सुरेश प्रसाद साहू, पंकज साहू, महेश गंझू, कैलाश गंझू।
- उडसू : सूरज उरांव, जयराम उरांव, राजेंद्र उरांव, विनोद भुईयां, रामलाल उरांव, किशन पासवान व परमेश्वर उरांव।
- बिंगलात : महेश वर्मा, प्रदीप वर्मा, कन्हाई राम, प्रमोद कुमार वर्मा, संजीत यादव, युगल यादव व स्व. राजू वर्मा की पत्नी। टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के शीर्ष नेताओं की एक अलग कमेटी भी बनी ब्रजेश गंझू उर्फ गोपाल सिंह भोक्ता (लुटू सुहावन, लावालौंग), आक्रमण उर्फ रवींद्र गंझू (शिलादाग, लावालौंग), कोहराम उर्फ लक्ष्मण गंझू उर्फ इब्राहिम जी (नावाडीह महुआगढ़ा, लावालौंग), मुकेश गंझू उर्फ मुकेश जी (कुटिल, कुंदा), भगत जी उर्फ दुबे (छोटकी नागद, मनातू, पलामू। वर्तमान में केंदू कशारी, सिमरिया), युगल गंझू उर्फ जयनाथ गंझू, परमेश्वर गंझू (सोपारम टोला, हुंबो, टंडवा), अर्जुन गंझू (सोपारम टोली, हंबी, टंडवा), सुभान मियां (कामता, टंडवा), छोटू सिंह उर्फ सुधांशु रंजन (जबरा खपिया, सिमरिया) व पंकज साव (बारा, सिमरिया)। उ

ग्रवादियों ने पत्‍ि‌नयों को चुनाव भी लड़वाया शांति सह संचालन समिति नियमित रूप से काम कर रही थी। सुभान मियां टीएसपीसी उग्रवादी संगठन से अपने संबंधों के बल पर पंचायत चुनाव 2015 में अपनी पत्नी सबीना खातुन को टंडवा मध्य क्षेत्र से जिला परिषद पद पर चुनाव लड़वाया। वहीं, टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के मुनेश गंझू ने भी अपनी पत्नी अनिता देवी को टंडवा मध्य क्षेत्र से ही उम्मीदवार बनाया। टीएसपीसी उग्रवादी संगठन के सबजोनल कमांडर पिपरवार क्षेत्र का सौरभ गंझू मुनेश गंझू का भाई है।


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