आदिवासी बहुल गांवों पर खर्च होंगे 158 करोड़
झारखंड जनजातीय सशक्तीकरण एवं आजीविका विकास कार्यक्रम पर चालू वित्तीय वर्ष में 158.29 करोड़ की योजना तैयार की है।
रांची। झारखंड जनजातीय सशक्तीकरण एवं आजीविका विकास कार्यक्रम पर चालू वित्तीय वर्ष में 158.29 करोड़ रुपये खर्च करने मसौदा कल्याण विभाग ने तैयार किया है। यह राशि 50 फीसद से अधिक आबादी वाले 1790 गांवों पर खर्च होगी। जनजातीय उपयोजना (टीएसपी) में शामिल 14 जिलों से जुड़े इन गांवों में इस राशि से सामुदायिक विकास, प्राकृतिक संपदाओं के प्रबंधन तथा ग्रामीण आजीविका से जुड़े कार्यक्रमों को गति दी जाएगी।
राज्य के आदिवासी बहुल गांवों के समेकित विकास के लिए 2013 से संचालित इस योजना के लिए कुल 635 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई थी। 2021 तक की अवधि के लिए ली गई इस योजना की वर्तमान स्थिति की बात करें तो संबंधित गांवों में अबतक इस योजना के तहत 5360 स्वयं सहायता समूहों, 641 युवा समूह तथा 1524 ग्रामसभा गठित की गई।
सामुदायिक विकास कार्यक्रम के तहत गठित इन समूहों के माध्यम से संबंधित गांवों में उन्नत कृषि पर विशेष जोर दिया जाएगा। प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन की कड़ी में श्री विधि से धान का पैदावार बढ़ाने, खेतों में तालाब एवं कुओं के निर्माण तथा किसान सेवा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। अधिक से अधिक ग्रामीणों को आजीविका से जोड़ने के लिए कल्याण विभाग ने सामुदायिक स्तर पर सब्जी की खेती, आम का बाग लगाने, आदिम जनजातियों की बस्ती में फलदार पेड़ लगाने, बकरी और सूकर पालन जैसे व्यवसाय को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। विभागीय कंवर्जन पर संचालित होने वाले इस कार्यक्रम में मनरेगा की विभिन्न योजनाओं के तहत 243 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान किया गया है।
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