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Tribal Pride Day 2022: कौन थे राजा मेदिनी राय, बिहार व झारखंड में कहां तक फैला था साम्राज्य

Tribal Pride Day 2022 आज जनजातीय गौरव दिवस है। इस अवसर पर हम आपको बताते हैं कि पलामू के राजा मेदिनी राय कौन थे। बिहार व झारखंड में कहां तक इनका साम्राज्य फैला था। अपने राज में प्रजा के लिए दूध दही की नदियां बहाने वाले इस राजा को जानिए...

By Mritunjay PathakEdited By: Sanjay KumarPublished: Tue, 15 Nov 2022 09:06 AM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2022 09:07 AM (IST)
Tribal Pride Day 2022: कौन थे राजा मेदिनी राय, बिहार व झारखंड में कहां तक फैला था साम्राज्य
Tribal Pride Day 2022: कौन थे राजा मेदिनी राय।

मेदिनीनगर (पलामू), [मृत्युंजय पाठक]। Tribal Pride Day 2022 यूं तो भारत में एक से बढ़कर एक राजा-महाराजा हुए। सबकी अपनी-अपनी खासियत है। इन्हें याद कर आज भी राज्य क्षेत्र और देश की जनता खुद गौरवान्वित महसूस करती है। इसी श्रेणी में जनजातीय समुदाय से आने वाले राजा मेदिनी राय किसी से कम नहीं थे। ये अपने समय से बहुत आगे थे। इन्हें न सिर्फ जनजातीय समाज बल्कि पूरे झारखंड के लिए गौरव कहा जा सकता है।

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कहां से कहां तक फैला था साम्राज्य

पलामू के राजा मेदिनी राय का साम्राज्य दक्षिण गया, हजारीबाग और सरगुजा तक फ़ैला हुआ था। चेरो वंश से संबंध रखने वाले राजाओं में मेदिनी राय का इतिहास सबसे महत्त्वपूर्ण हैं। इनका शासनकाल सन 1658 से 1674 तक ( 16 वर्षों तक) रहा। मेदिनी राय वीर योद्धा थे। इतिहास में इसका जिक्र है।

पलामू किला।

इन राजाओं को किया पराजीत, खुशहाली में जीते थे प्रजा

डोइसा में रघुनाथ शाह को पराजीत किया जो कि नागवंशी राजा थे। इस जीत की खुशी में मेदिनी राय ने पलामू में एक दुर्ग का निर्माण करवाया। वे यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने एक के बाद एक कई छोट और बड़े राजाओं को पराजित किया जिनमें बेलुंजा सिरिस, जपला, कुटुंबा और शेरघाटी समेत जैसे राज्यों को अपने अधिकार में कर लिया। इनके समय में प्रजा खुशहाल थी। दूध दही की नदियां बहती थी। कहा जाता है कि धनि धनि राजा मेदनिया घर घर बाजे मल्हनीया अर्थात मेदनी राय के शासन काल में सभी घरों में दही मथा जाता था।

जनजातीय गौरव दिवस का इतिहास

भारत की आजादी के 75 साल पूरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पहल पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2021 में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने हेतु 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मंज़ूरी दी है। इसके बाद पहली बार 15 नवंबर, 2021 को जनजातीय गौरव दिवस का शुभारंभ हुआ। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और राष्ट्रीय गौरव, वीरता तथा आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में आदिवासियों के प्रयासों को मान्यता देना है।

आदिवासी समाज के लिए गौरव हैं राजा मेदिनी राय

अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के पलामू जिला कमेटी के सदस्य अजय सिंह चेरो का कहना है कि राजा मेदिनी राय आदिवासी समाज के लिए गौरव हैं। वे न सिर्फ आदिवासी बल्कि सभी प्रजा की चिंता करते थे। वे जनता की दुखों को जानने के लिए वेश बदल कर उनके बीच जाते थे। दुख कारण जानने की कोशिश करते थे। इसके बाद समाधान भी करते थे।

राजा मेदिनी राय को जितना सम्मान मिलना चाहिए, सरकार की तरफ से नहीं मिला

अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के पलामू जिला कमेटी के संयोजक त्रिपुरारी सिंह चेरो का कहना है कि राजा मेदिनी राय के राज में जनता खुशहाल थी। वह हम सभी जनजातीय लोगों के लिए गौरव हैं। दुख: के साथ कहना पड़ रहा है कि झारखंड बनने के बाद अब तक राजा मेदिनी राय को जितना सम्मान मिलना चाहिए था वह राज्य सरकार की तरफ से नहीं मिला। उनसे जुड़े ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए सरकार को शीघ्र पहल करनी चाहिए।


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