मुड़मा में जीवंत हो उठी आदिवासी संस्कृति
माडर के मुड़मा गाव में कार्तिक माह में लगने वाला छोटानगापुर का दो दिवसीय मुड़मा जतरा का समापन हो गया।
संसू, मांडर : माडर के मुड़मा गाव में कार्तिक माह में लगने वाला छोटानगापुर का दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा जतरा अपने-अपने प्रतीक चिह्न के साथ विभिन्न खोड़हा के लोगों द्वारा जतरा स्थल में प्रवेश करने के बाद संपन्न हो गया। आदिवासी समुदाय की परंपरागत वेश भूषा व संस्कृति उस समय जीवंत हो उठी जब जतरा स्थल पर आदिवासी अपने-अपने प्रतीक चिन्ह रम्पा चंपा, हाथी, घोड़ा, बाघ, मगरमच्छ व अपने गाव के झाड़ों के साथ नाचते गाते जतरा स्थल पर पहुंचे। इसके बाद शक्ति खूंटा की परिक्रमा के बाद अपने-अपने खोड़हा के साथ नाच गान किया। समारोह में मुख्य अतिथि राज्य सरकार के मंत्री डा. रामेश्वर उराव ने कहा कि जतरा आदिवासियों की सामाजिक धरोहर है, जहां आदिवासी समाज द्वारा कई अहम फैसले लिए जाते हैं। मुड़मा शक्ति स्थल हमारी आस्था से जुड़ा है। इस धरोहर को संजोने की जरूरत है। यह हम सबकी जिम्मेवारी है। मुड़मा शक्ति स्थल का दर्शन करने देश विदेश से लोग आते हैं। इस ऐतिहासिक जतरा की भव्यता बनाए रखने के लिए संचालन समिति बधाई की पात्र है। जतरा समारोह में मौजूद बंधु तिर्की ने कहा कि कोरोना काल के कारण जतरा नहीं लगने से करोड़ों का नुकसान तो हुआ है, लेकिन इस शक्ति स्थल की आस्था में कोई कमी नही आई है। तिर्की ने कहा इस स्थल पर उमड़ी भीड़ दिखाता है कि आदिवासी समाज अपनी परंपरा और संस्कृति को लेकर काफी गंभीर है।
जतरा का आयोजन नहीं किया गया
कोरोना गाइडलाइंस को लेकर जतरा संचालन समिति और स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया था कि इस साल जतरा का आयोजन नहीं किया जाएगा। लेकिन दुकानदार नहीं माने जतरा संचालन समिति और प्रशासन के लाख मना करने के बाद भी जतरा में अप्रत्याशित भीड़ उमड़ पड़ी। एनएच 75 में मुड़मा बगीचा से लेकर मुख्य चौक तक लंबा जाम लग गया। सड़क के दोनों और दुकान लगाने, मुख्य सड़क के किनारे ही पार्किंग करने तथा अप्रत्याशित भीड़ के पहुंचने के कारण जाम लग गया। जाम हटाने के लिए पुलिस को खासा मशक्कत करनी पड़ी।
जतरा में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, खेलारी डीएसपी अनिमेष नैथानी, इंस्पेक्टर संजीव कुमार, थाना प्रभारी राणा जंग बहादुर सिंह, बादल दास, बीडीओ सुलेमान मुंडरी, सीओ विजय हेमराज खलखो, काग्रेस नेता सन्नी टोप्पो, जिप सदस्य सुनील उराव, विहारी उराव, जतरा संचालन समिति के अनिल उराव आदि मौजूद थे।