चक्का जाम को लेकर आदिवासी समितियों ने शुरू किया जनसंपर्क अभियान
केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सरना धर्म कोड को लेकर रेल रोड चक्का जाम करने के लिए सोमवार से जनसंपर्क अभियान शुरू किया गया है।
जासं, राची : केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सरना धर्म कोड को लेकर रेल रोड चक्का जाम करने के लिए सोमवार से जनसंपर्क अभियान शुरू किया गया है। रेल-रोड चक्का जाम 6 दिसंबर को करना है। जनसंपर्क अभियान में केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि लोग अपने हक अधिकार के लिए जागरूक हो चुके हैं। आदिवासी समाज आरपार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि यदि भारत सरकार 30 नवंबर तक सरना धर्म कोड लागू नहीं करती है तो चरणबद्ध तरीके से आदोलन किया जाएगा। एक दिसंबर 2020 को मोटरसाइकिल रैली व कार रैली एवं 6 दिसंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा।
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि कुछ लोग सरना कोड विधानसभा से पारित होने को ही सरना कोड मिल गया है, समझ रहे हैं एवं नाच डेग कर लड्डू मिठाई खा रहे हैं। परंतु अभी वास्तविक लड़ाई बाकी है। जब तक केंद्र सरकार इसे मान्यता नहीं देती है, तब तक खुशी मनाना व्यर्थ है। कुछ नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए जनता को बेवकूफ बना रहे हैं। यदि वास्तव में आदिवासी नेता सरना कोड दिलाना चाहते हैं तो एकजुट होकर सरना कोड की लड़ाई लड़े। इससे पहले आदिवासी समितियों द्वारा करमटोली में एक बैठक कर सरना धर्म कोड पर चर्चा की गई। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में धर्म कोड को ले कई बिंदुओं पर चर्चा की गई।