मार्च खत्म होने को, रिम्स के ट्रामा सेटर में अब तक इंस्टॉल नहीं हुईं मशीनें
राची रिम्स में ट्रामा सेटर तो बनकर तैयार है लेकिन इलाज कब शुरू होगा कहा नहीं जा सकता। कारण अभी तक मशीनें नहीं लगी हैं।
जागरण संवाददाता, राची : रिम्स में ट्रामा सेटर तो बनकर तैयार है लेकिन इलाज कब शुरू होगा कहा नहीं जा सकता। क्योंकि अब तक न मशीनें लगीं हैं न ही उपकरण। मशीनों को इंस्टॉल करने के लिए बस तारीख पर तारीख दी जा रही है। निदेशक ने मार्च के अंतिम सप्ताह में मशीनों को इंस्टॉल करने की बात कही थी। अब मार्च भी खत्म होने को है लेकिन ट्रामा सेटर मशीनों के आने की बाट जोह रहा है।
रिम्स निदेशक के अनुसार, ट्रामा सेंटर का हैंडओवर का काम जारी है। जल्द ही वहां इमरजेंसी को ट्रायल बेसिस में शिफ्ट कर ट्रामा सेंटर का टेस्टिंग किया जाएगा।
पिछले साल दो बार टला था उद्घाटन : बीते कई सालों से ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य जारी था। साल 2018 में ही ट्रामा सेंटर का काम पूरा कर उसके उद्घाटन की बात भी कही गई थी। काम पूरा नहीं होने के कारण साल 2018 में दो बार उद्घाटन की तारीख को भी बदला गया। स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी ट्रामा के उद्घाटन बीते साल जून में करने की बात कही थी, जिसे काम पूरा नही होने के कारण नवंबर के लिए स्थगित किया गया था। लेकिन तब भी उद्घाटन नहीं हो सका। ट्रामा सेटर शुरू होने में ये बन रहे हैं रोड़ा
1. ट्रामा सेंटर शुरू करने के लिए कई जरूरी उपकरण हैं। लेकिन अन्य उपकरणों की खरीदारी के लिए प्रबंधन द्वारा टेंडर निकालने में कोताही बरती जा रही।
2. भवन निर्माण तो हो गया। लेकिन कई बार भवन की अंदरूनी संरचना में बदलाव किया गया। जिसके कारण भी निर्धारित समय में नहीं हो सका ट्रामा सेंटर का उद्घाटन। 3. ट्रामा सेंटर शुरू करने से पहले कई विशेषज्ञों की नियुक्ति की जानी है। नियुक्ति के लिए विज्ञापन तो निकला है लेकिन पूरी प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, नहीं कहा जा सकता।
4. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सही से नहीं की गई मॉनिटरिग। निर्माण से लेकर हर काम में किया गया देरी। विभाग ने ट्रामा सेंटर को जल्द हैंडओवर करने के लिए कभी नहीं बनाया दबाव। निजी अस्पताल से भी होगी बेहतर सुविधा
ट्रामा सेटर शुरू हो जाए तो यह किसी भी निजी अस्पताल से बेहतर हो सकता है। सौ बेड वाले इस ट्रामा सेटर में चार ओटी बनाए गए हैं जहां एक साथ चार गंभीर केस भी ऑपरेट किए जाएगे। सभी सौ बेड लगा दिए गए हैं। यहां मॉनिटर डिस्प्ले भी लगा दिया गया है। ट्रामा सेंटर में बेड को तीन एरिया में बांटा गया है। जिसमें मरीजों को उनकी बीमारी के अनुसार ग्रीन, रेड व यलो एरिया में उपचार किया जाएगा। इसके साथ ही सभी बेडों में पर्दा लगाकर प्रत्येक बेड को अलग किया गया है। मरीजों की सुविधा के लिए दो सीढि़यों के साथ-साथ दो लिफ्ट भी लगाए गए हैं। रिम्स के ट्रामा सेंटर को आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है। जल्द ही मरीजों को इसकी सुविधा मिलेगी।
-डॉ. डीके सिंह, निदेशक, रिम्स।