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ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल आज, जानिए क्या हैं मांगें व कौन-कौन यूनियन दे रहीं साथ

हड़ताल में रेलवे बैंकिंग बीमा और स्टील सेक्टर के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम(पीएसयू) से जुड़े मजदूर- किसान शामिल होंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 08:36 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 08:36 AM (IST)
ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल आज, जानिए क्या हैं मांगें व कौन-कौन यूनियन दे रहीं साथ
ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल आज, जानिए क्या हैं मांगें व कौन-कौन यूनियन दे रहीं साथ

जासं, राची : केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए आज मजदूर कामगार ट्रेड यूनियन द्वारा देशव्यापी हड़ताल की जा रही है। हड़ताल का राज्य में व्यापक असर दिखने की उम्मीद है। सभी यूनियन द्वारा इस हड़ताल को लेकर करीब एक महीने से पूरे जोर शोर से तैयारी की गई है। इसके साथ ही राज्य में हड़ताल के लिए एक पोस्टर लांच कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। बड़े स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया गया था।

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हड़ताल में रेलवे, बैंकिंग, बीमा और स्टील सेक्टर के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम(पीएसयू) से जुड़े मजदूर- किसान शामिल होंगे। हालाकि दूसरी तरफ सरकार और कंपनी प्रबंधन द्वारा लगातार हड़ताल को रोकने की अपील और प्रयास किए जा रहे हैं।

कोल क्षेत्र में हड़ताल का व्यापक असर होने की संभावना है। इससे माइंस में कोयले का उठाव और खनन दोनों प्रभावित हो सकते हैं। हालाकि कोल इंडिया ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। साथ ही, इसमें शामिल होने वाले कर्मचारियों के पैसे काटने की बात भी कही है। इसके साथ ही राची में एचईसी, सेल, मेकान, सीसीएल, सीएमपीडीआइ सहित सभी कंपनियों और दफ्तरों में काम प्रभावित होने की उम्मीद है।

क्या है कोल क्षेत्र से जुड़ी मागें

(1). कोलइंडिया लिमिटेड व अन्य सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश की प्रक्रियाओं पर रोक लगे।

(2). कामर्शियल माइनिंग रोकी जाए।

(3). सीएमपीडीआइ के साथ एमएससीएल के विलय और कोल इंडिया लिमिटेड से सीएमपीडीआइएल को अलग करने के प्रस्ताव पर रोक लगे।

(4). श्रमिकों के अधिकारों में कटौती करने वाला श्रम कानूनों में संशोधन बंद किया जाए। अन्य सेक्टर से जुड़ी हुई मागें (1). 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूर विरोधी 4 लेबर को बदलने का निर्णय वापस हो।

(2). न्यूनतम वेतन हो 21 हजार, केंद्र और राज्य सरकार में वेतन हो एक समान।

(3). आगनबाड़ी, एमडीएम अन्य ठेका, संविदा कर्मी को सरकारी कर्मी घोषित किया जाए

(4). सेवारत कíमयों को 50 वर्ष या 33 वर्ष सेवा के बाद जबरन न करें रिटायर

(5). सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण व विनिवेशीकरण बंद किया जाए

(6). मनरेगा और निर्माण मजदूरों की पेंशन हो तीन हजार, साथ ही उनके सभी लाभों की वृद्धि की जाए

(7). ठेका, संविदा, आउटसोर्स प्रणाली की जगह स्थाई और नियमित रोजगार की व्यवस्था हो कौन-कौन यूनियन दे रही हैं साथ इस हड़ताल से भाजपा से संबद्ध भारतीय मजदूर यूनियन ने पहले ही किनारा कर लिया है। इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन काग्रेस), एटक (आल इंडिया ट्रेड यूनियन काग्रेस), एचएमएस (हिंद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन), एआइयूटीयूसी (आल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन को-आर्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लायज वूमेंस एसोसिएशन), एआइसीसीटीयू(आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियन), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशनल), यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन काग्रेस) इस हड़ताल में शामिल हो रही हैं। सीएमपीडीआइ में कोयला मजदूर यूनियन ने शुरू किया प्रदर्शन

सीएमपीडीआइ में कोयला मजदूर यूनियन ने सुबह से ही अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। कंपनी गेट पर सैकड़ों लोग एक साथ केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में अन्य सभी यूनियन के सदस्य शामिल हैं।


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