सुधाकरण के सरेंडर से उजड़े नक्सली, झारखंड पुलिस ने ली राहत की सांस
Sudhakaran Surrender. झारखंड पुलिस के मुताबिक एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण और उसकी पत्नी नीलिमा के सरेंडर से बचे-खुचे नक्सली भी जल्द ही मुख्य धारा में लौट आएंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के चर्चित और सबसे बड़े नक्सली भाकपा (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी का सदस्य व एक करोड़ का इनामी सुधाकर रेड्डी उर्फ सुधाकरण और उसकी पत्नी 25 लाख की इनामी नीलिमा रेड्डी उर्फ माधवी के सरेंडर की खबर से जहां नक्सलियों में मातमी माहौल है। वहीं झारखंड पुलिस उत्सव सरीखा आनंद महसूस कर रही है। नक्सली दंपती के तेलंगना में सरेंडर करने की खबर से सबने राहत की सांस ली है। पुलिस इस खबर से इसलिए भी उत्साहित है कि अब बचे-खुचे नक्सली भी सरेंडर करने को विवश होंगे।
नक्सलियों को जड़ से समाप्त करने के लिए झारखंड में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे में सुधाकरण का आत्मसमर्पण बड़ा संबल बनेगा। अरविंदजी के बाद सुधाकरण ही नक्सलियों की ताकत बना हुआ था। अब थिंक टैंक के सरेंडर के बाद अंतिम सांसें गिन रहे नक्सलवादी अपनी राह बदलेंगे। बताया कि दो दिन पहले ही नक्सली सुधाकरण और उसकी पत्नी ने तेलंगना में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। हालांकि झारखंड पुलिस आधिकारिक बयान नहीं दे रही है।
जानकारी मिली है कि तेलंगाना में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को जेल नहीं भेजा जाता है और सभी चार्ज हटा लिया जाता है। सुधाकरण पर जहां झारखंड में एक करोड़ का इनाम था, वहीं तेलंगाना में सिर्फ 25 लाख का इनाम घोषित था। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद झारखंड पुलिस की रिवॉर्ड सूची से अब दोनों नाम कट जाएंगे।
एक करोड़ का इनामी नक्सली है सुधाकरण
एक करोड़ के इनामी नक्सली सुधाकरण माओवादियों का सबसे बड़ा और कद्दावर नेता माना जाता है। उसे माओवादियों का थिंक टैंक कहा जाता है। सुधाकरण को झारखंड में पुलिस कई नामों से वर्षों से तलाश करती रही है। वह तेलंगाना के अदिलाबाद का निवासी बताया जाता है। जबकि उसकी पत्नी निलिमा वारंगल की रहनेवाली बताई जाती है। नक्सलियों को जड़ से समाप्त करने की मुहिम चला रही झारखंड पुलिस का मानना है कि सुधाकरण ने झारखंड के अलावा दूसरे प्रदेशों में अकूत संपत्ति जमा कर रखी है।
पुलिस की बड़ी उपलब्धि, नक्सलियों को लगा तगड़ा झटका
सुधाकरण के सरेंडर को झारखंड में पिछले पांव पर खड़े नक्सलियों के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। वह झारखंड के बूढ़ा पहाड़ इलाके का सबसे खूंखार और बड़ा नक्सली कहा जाता है। वह कोयल-शंख जोन में खासा सक्रिय है, जहां से वह ठेकेदारों से मोटी उगाही करता है। बताया जाता है कि सुधाकरण ने अपने किसी दोस्त के जरिये टेरर फंडिंग के पैसे को कई बिजनेस में भी लगा रखा है। बिहार-झारखंड के बड़े नक्सली जहानाबाद जिले के सुकुलचक निवासी अरविंद की मौत के बाद सुधाकरण ही बिहार-झारखंड और छतीसगढ़ में नक्सलियों की अगुअाई कर रहा था।बहरहाल पुलिस ने उसके सरेंडर से राहत की सांस ली है। यह बड़ी उपलब्धि कही जा रही है।
तेलंगना के मंत्री के संपर्क में था सुधाकरण
बताया जा रहा है कि सुधाकर रेड्डी उर्फ सुधाकरण व उसकी पत्नी नीलिमा रेड्डी उर्फ माधवी आत्मसमर्पण के लिए तेलंगना के एक मंत्री के संपर्क में थे। तेलंगना के मंत्री के संपर्क की सूचना झारखंड पुलिस के आलाधिकारियों तक बीते सिंतंबर माह में पहुंची थी। संभावना जताई जा रही थी कि नक्सली दंपती तेलंगना में ही शीघ्र आत्मसमर्पण करेंगे। इससे पूर्व झारखंड से लेवी के करोड़ों रुपये भी तेलंगना पहुंचाने की योजना की सूचना भी झारखंड पुलिस के पास पहुंची थी। आला अधिकारियों का कहना है कि झारखंड पुलिस के दबाव, जंगलों में विकास कार्य, पुलिस की पहुंच के कारण सुधाकरण ने भयाक्रांत होकर आत्मसमर्पण किया है।
अब तक 20 करोड़ से अधिक रुपये भेज चुका है तेलंगना
सूत्रों के अनुसार सुधाकरण व नीलिमा झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र आदि इलाकों से लेवी के करीब 20 करोड़ से अधिक रुपये तेलंगना भेज चुके हैं। रुपयों को ले जाने में सुधाकर का भाई बी. नारायण रेड्डी व दोस्त सत्यनारायण रेड्डी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पुलिस सभी सूचनाओं के सत्यापन में जुटी हुई है।
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