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निशाने से भटके दीपिका के तीर, झारखंड के खेल प्रेमियों में निराशा; करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बावजूद पदक से चुकींं

टोक्यो ओलिंपिक में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बावजूद रांची की दीपिका कुमारी व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने से चूक गई। लगातार तीसरा ओलिंपिक खेल रही दीपिका कुमारी क्वार्टर फाइल मुकाबेल में कोरिया की एन शान के हाथों 27-30 24-26 24-26 से हार कर बाहर हो गई।

By Vikram GiriEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 12:39 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 12:47 PM (IST)
निशाने से भटके दीपिका के तीर, झारखंड के खेल प्रेमियों में निराशा; करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बावजूद पदक से चुकींं
निशाने से भटके दीपिका के तीर, झारखंड के खेल प्रेमियों में निराशा। जागरण

रांची [संजीव रंजन] । टोक्यो ओलिंपिक में करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बावजूद रांची की दीपिका कुमारी व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने से चूक गई। लगातार तीसरा ओलिंपिक खेल रही दीपिका कुमारी क्वार्टर फाइल मुकाबेल में कोरिया की एन शान के हाथों 27-30, 24-26, 24-26 से हार कर बाहर हो गई। दीपिका ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय तीरंदाज है।

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दीपिका के हार के बाद झारखंड के खेल प्रेमियों में निराशा छा गई। शुक्रवार की सुबह झारखंड के खिलाड़ी, खेल प्रेमी टीवी से चिपक गए थे और उन्हें उम्मीद थी कि दीपिका पदक जीतने में सफल रहेगी। दीपिका ने अंतिम 16 का मुकाबला 6-5 से जीत कर लोगों की उम्मीद को मजबूत किया। लेकिन कोरिया के तीरंदाज के खिलाफ वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकी

राष्ट्रीय कोच हरेंद्र सिंह ने कहा कि दीपिका के पदक की राह में कोरियाई तीरंदाज ही सबसे बड़ी रुकावट थी, अगर वह यह मुकाबला जीत जाती तो स्वर्ण भी जीत लेती। लेकिन फिर भी उसने टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। उसके हार से निराशा तो हुई लेकिन रांची की इस तीरंदाज ने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

भारतीय टीम की पूर्व कोच पूर्णिमा महतो ने दीपिका की सराहना करते हुए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आज का दिन दीपिका का नहीं था। इस हाइवोल्टेड मुकाबले में दीपिका का प्रदर्शन बिखर गया जिस कारण उसे हार का सामना करना पड़ा।

रांची जिला तीरंदाजी संघ की अध्यक्ष नेहा महतो ने कहा कि दीपिका ने जो प्रदर्शन किया वह काबिले तारीफ है। पदक नहीं जीतने का जितना दुख हमलोगों को है उसे कही ज्यादा दीपिका को होगा। वह जानती थी कि अगला मौका चार साल बाद मिलेगा। लेकिन उसने अपने प्रदर्शन से हमें गौरवांवित किया।

रांची जिला तीरंदाजी संघ के सचिव चंचल भट्टाचार्य ने कहा कि उसका प्रदर्शन अच्छा था। आज का दिन उसका नहीं था। पदक ना मिलने का गम तो है लेकिन खुशी भी है कि रांची की बेटी ने टोक्यो में यादगार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली तीरंदाज बनी।

राष्ट्रीय खिलाड़ी ज्योति कुमारी ने कहा इस मुकाबले में हवा व गर्मी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इसका असर दोनों खिलाड़ियों पर पड़ा। दीपिका दीदी पदक जीतने से चूक गई इसका दुख तो है लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन को सलाम करना चाहिए।

राष्ट्रीय खिलाड़ी दीप्ति कुमार जोन्हा सेंटर की प्रशिक्षु थी और अभी आइटीबीपी से जुड़ी है। उसने बताया कि व्यक्तिगत मुकाबले में पदक की उम्मीद ज्यादा थी। दीपिका अगर यह मुकाबला जीत जाती है तो आगे का रास्ता आसान था। लेकिन दीपिका दीदी आज जीतने में सफल नहीं हो सकी इसका हमसबको दुख है।

राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज रीना कुमारी ने कहा हमें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। दीपिका दीदी भले ही पदक जीतने से चूक गई लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से हमसबको गौरवांवित किया है। उनका यह प्रदर्शन युवा तीरंदाजों के बीच उर्जा का संचार करेगा।


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