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तंबाकू कंपनियों की तस्करी से झारखंड की अर्थव्यवस्था को नुकसान, हर साल करोड़ों के राजस्व की क्षति

Jharkhand News ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट (Global Adult Tobacco Survey Report) के अनुसार देश में लगभग 27 करोड़ वयस्क तंबाकू (Tobacco) का उपयोग कर रहे हैं जिनमें से 20 करोड़ वयस्क खैनी (Khaini) गुटखा (Gutkha)और पान मसाला (Pan Masala) सहित चबाने वाले तंबाकू उत्पाद (Tobacco Products) है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 08:41 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 08:42 AM (IST)
तंबाकू कंपनियों की तस्करी से झारखंड की अर्थव्यवस्था को नुकसान, हर साल करोड़ों के राजस्व की क्षति
Jharkhand News : तंबाकू कंपनियों की तस्करी से झारखंड की अर्थव्यवस्था को नुकसान

रांची, (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand News : ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट (Global Adult Tobacco Survey Report) के अनुसार देश में लगभग 27 करोड़ वयस्क तंबाकू (Tobacco) का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें से 20 करोड़ वयस्क खैनी (Khaini), गुटखा (Gutkha)और पान मसाला (Pan Masala) सहित चबाने वाले तंबाकू उत्पादों (Tobacco Products) का उपयोग कर रहे हैं। देश में कैंसर (Cancer) से मरने वालों की संख्या 40 प्रतिशत है।

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अभी भी जारी है गुटखा का कारोबार

झारखंड सरकार ने पान मसाला के सभी ब्रांडों के नमूनों की जांच कराई थी, जिसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट और निकोटिन की मात्रा पाई गई थी, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इसके बाद झारखंड में गुटखा प्रतिबंधित कर दिया गया। इसे लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने भी आदेश दिया था कि झारखंड में पूर्णरूप से गुटखा पर प्रतिबंध लगाया जाए। लेकिन अभी भी गुटखा का कारोबार जारी है।

तंबाकू कंपनियों की तस्करी से अर्थव्यवस्था को नुकसान

सरकार तंबाकू के उपयोग को रोकने के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन तंबाकू उद्योग अपने मुनाफे के लिए कानूनी प्रविधानों को दरकिनार कर रहा है। शोध संस्था रिसर्च एक्शन फॉर टोबैको कंट्रोल (रिऐक्ट) शोध ने रिपोर्ट जारी की है, जिसमें तंबाकू कंपनियों द्वारा उत्पाद शुल्क, टैक्स एवं उत्पादों की तस्करी से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान के बारे में बताया है।

सरकार को हर साल करोड़ों के राजस्व की क्षति

संस्था ने सीएजी, डीआरआइ, सीबीआइसी, सीईआइबी और संसद की रिपोर्ट के अध्ययन में पाया कि सिगरेट एवं पान मसालों के साथ तंबाकू कंपनियां टैक्स की चोरी करती हैं, जिससे सरकार को हर साल करोड़ों के राजस्व की क्षति होती है। पिछले साल संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार देश में 100 करोड़ या उससे ज्यादा टैक्स की चोरी करने वाली 180 कंपनियों का आंकड़ा दिया गया है। इसमें 20 कंपनियां तंबाकू के अवैध कारोबार में संलिप्त है।


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